UNSC में रूस के प्रस्ताव का भारत ने नहीं किया समर्थन, 12 देशों ने भी बनाई दूरी

UNSC में रूस के प्रस्ताव का भारत ने नहीं किया समर्थन, 12 देशों ने भी बनाई दूरी
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मानवीय संकट को लेकर मसौदा प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद (UNSC) में बुधवार को हुए मतदान में भारत समेत 13 सदस्य देशों ने दूरी बनाई है।

रूस और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जारी जंग को 4 हफ्ते से अधिक का समय हो गया है। रूसी सैनिकों (Russian troops) ने यूक्रेन में तबाही मचाई हुई हैं। जिस कारण यूक्रेन में मानवीय संकट (humanitarian crisis) पैदा हो गया है। मानवीय संकट को लेकर मसौदा प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद (UNSC) में बुधवार को हुए मतदान में भारत समेत 13 सदस्य देशों ने दूरी बनाई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council- यूएनएससी) के द्वारा प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया, क्योंकि प्रस्ताव को केवल रूस और चीन का समर्थन मिला था।

रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने प्रस्ताव में कहा है कि यूक्रने में मानवीय कर्मी, महिलाएं और बच्चों समेत नागरिक पूरी तरह से सुरक्षित हैं। लोगों की सुरक्षित और तेजी से निकासी को सक्षम बनाने के लिए बातचीत के लिए संघर्ष विराम का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के अन्य सदस्यों ने प्रस्ताव पर वोटिंग (Voting) के बाद बयान दिया। हालांकि, भारत (India) ने इससे परहेज किया है। इससे पहले के मौकों पर भारत ने यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के आक्रमण पर प्रस्तावों पर सुरक्षा परिषद (Security Council) में 2 बार और एक बार महासभा (General Assembly) में मतदान में भाग नहीं लिया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूएसए ने रूस के इस प्रस्ताव को दुस्साहस करार दिया है। यूएन में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि यूएसए, रूस के इस प्रस्ताव से खुद को दूर रखता है। क्योंकि यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थितियों के लिए केवल रूस जिम्मेदार है। रूस लाखों लोगों के जीवन और सपनों की परवाह नहीं करता है, जोकि जंग में बिखर गए हैं।

यदि रूस को अगर परवाह होती है तो वह जारी इस युद्ध को तत्काल रोक दे। रूस हमलावर और आक्रमणकारी है। रूस यूक्रेन में लोगों के खिलाफ क्रूरता के ऑपरेशन में लगा हुआ है। वहीं यूएन में ब्रिटेन के राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा है कि उनका देश सुरक्षा परिषद या महासभा में किसी भी प्रस्ताव के लिए मतदान नहीं करेगा। जो यह नहीं मानता कि रूस इस मानवीय तबाही की एकमात्र वजह नहीं है।

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