चीन के साथ तनाव के बीच भारत की निगाहें लगीं रूसी टैंक 'स्प्रूत एसडी' पर, जानिए इसकी खासियतें

भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है। दोनों ही देश अपनी ताकत बढ़ाने के लिए सैन्य शक्ति बढ़ाने पर लगे हुए हैं। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने जहां, वीटी-4 हल्के टैंक तैनात कर दिए हैं, तो भारत की निगाहें रूस निर्मित हल्के टैंक 'स्प्रूत एसडी' पर लगी हुई हैं।
दूसरी तरफ चीनी सेना प्राइवेट कंपनियों से मानवहीन चॉपर ड्रोन और अन्य हथियारों की खरीदी भी कर रही है। इस पूरी कवायद से साफ संकेत है कि निकट भविष्य में दोनों ही देश युद्ध की स्थिति में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। भारत ने बॉर्डर पर तैनाती के लिए स्वदेशी लाइट टैंक की योजना बना ली है और डीआरडीओ इसे हरी झंडी भी दे चुका है, लेकिन इसमें चूंकि समय लगेगा, इसलिए भारत रूसी टैंक के बारे में भी शिद्दत से विचार कर रहा है। इस टैंक पर भारत की नज़र क्यों टिक गई है, यह बताने के साथ आपको यह भी बताते हैं कि चीन की जंगी तैयारी के ताज़ा अपडेट क्या हैं।
भारी शस्त्रों को नष्ट करने की रखता है क्षमता
स्प्रूत एसडी टैंक हल्का और बहुत शक्तिशाली टैंक के तौर पर जाना जाता है। इसकी मारक क्षमता बहुत ज्यादा है और दुश्मनों के पसीने छोड़ने में यह बहुत ही कारामद साबित हो सकता है। इस टैंक में 125 एमएम की बंदूक लगी है।
इसकी फायर पावर टी-72, टी-90 के साथ ही नवीनतम टी-14 की तरह ही है। ये जल थल वाले टैंकों को मार गिराने में भी माहिर है। सोवियत काल का यह टैंक नवीनतम तकनीक से अपडेट है और अभी भी रूस की सेना की कुछ यूनिटों में सेवा दे रहा है।
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