अमेरिका की जासूसी कराने वाले चीन पर भारत सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, ड्रैगन तिलमिलाया

चीन (China) अपने आसपास के देशों को बड़ा कर्जा देकर उनकी जमीनें हड़पने की साजिश रचता है, वहीं उसकी इस चाल के झांसे में न आने वाले देशों के खिलाफ जासूसी गतिविधियों को अंजाम देता है। चीन की दादागिरी इतनी बढ़ गई है कि उसे अमेरिका में भी जासूसी गुब्बारे भेजने में जरा भी हिचक महसूस नहीं होती। बहरहाल, भारत की बात करें तो न केवल सीमाओं पर बल्कि अन्य क्षेत्रों पर भी चीन की नापाक साजिश को विफल किया जा रहा है। इसी कड़ी में भारत सरकार ने अहम कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने चीन से संबंधित 138 सट्टेबाजी ऐप्स (Betting Apps) और 94 लोन देने वाले ऐप्स (Loan Apps) को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन पड़ोसी देशों को भारी भरकम कर्जा देकर अपने जाल में फंसा चुका है। पाकिस्तान की हालत तो इतनी पतली है कि वो हर मुद्दे पर चीन का समर्थन करने को विवश है। इसके अलावा, श्रीलंका की बदहाली के पीछे भी चीन का हाथ रहा है। चीन न केवल पड़ोसी देशों को बल्कि पड़ोसी देशों में रहने वाले नागरिकों को भी कर्जे के जाल में फांस रहा है। इसी कड़ी में चीन के लिंक वाले कई एप्स भारत में भी सक्रिय थे, जो सट्टेबाजी और लोन का झांसा देकर लोगों को निशाना बना रहे थे।
भारत ने इस मामले पर पहले भी ऐसे कई एप्स बैन किए थे और अब फिर से इस दिशा में बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। केंद्र सरकार ने चीन के लिंक वाले सट्टेबाजी (Betting) और कर्ज (Loan) देने वाले ऐप्स को बैन करने के लिए इलैक्ट्रानिक और सूचना प्रौघोगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) को निर्देश दिया है। बैन किए गए ऐप्स में 138 ऐप्स सट्टेबाजी (Betting Apps) से और 94 लोन देने वाले ऐप्स (Loan Apps) शामिल हैं।
कर्ज में फंसाते हैं चीनी ऐप्स
इन चीनी ऐप्स (Chinese Apps) की कई महीनों पहले से जांच हो रही थी। पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने 28 ऐप्स की जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन बाद में पता चला की ऐसे कई और भी ऐप्स हैं, जो ई-स्टोर पर मौजूद हैं। ये एक प्रकार से ऐसे ऐप्स हैं, जिसमें किसी तीसरे पक्ष का भी हाथ शामिल है। पहले लोगों को इन ऐप्स में कार्य करने वाले कर्मचारी लोन लेने के लिए लुभाते है तथा बाद में ब्याज को इतना बड़ा देते हैं कि लोग इसे चुकाने में सक्षम भी नहीं हो पाते हैं। इसके बाद कर्मचारी लोगों को परेशान करना शुरू कर देतें है। इसी के साथ-साथ इन ऐप्स का इस्तेमाल प्रोपेगेंडा (Propeganda) के रूप में भी किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात जो सामने आती है, वह है कि भारतीय नागरिकों के डेटा का गलत रूप से उपयोग भी किया जा सकता है। भारतीय नागरिक के डेटा की सुरक्षा, सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार को अलग-अलग राज्यों से इन ऐप्स को बैन करने की मांग की गई थी। इसी के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इलैक्ट्रानिक और सूचना प्रौघोगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) को निर्देश दिया कि इन्हें तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया जाए।
जासूसी कराने में भी पीछे नहीं चीन
चीन केवल पड़ोसी देशों में ही नहीं बल्कि शक्तिशाली देशों की भी जासूसी कराने से पीछे नहीं है। आज ही अमेरिका ने एक चीन के जासूसी गुब्बारे को निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया है। यह गुब्बारा पिछले कई दिनों से अमेरिकी एयर स्पेस में मौजूद था, लेकिन आशंका थी कि कहीं इस गुब्बारे को ध्वस्त करते ही कहीं लोगों की सुरक्षा जोखिम में न पड़ जाए। जब अमेरिका सुरक्षा को लेकर पूरी तरह आश्वास्त हुआ, तब जाकर इस गुब्बारे को निशाना बनाया। चीन ने इस घटना के पीछे अमेरिका पर ही सवाल उठाया है और कहा है कि यह हमें बदनाम करने की साजिश है। उधर, अमेरिका इस घटना का जवाब देने की तैयारी में है।
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