Coal Crisis : देश के कई राज्यों में गहराएगा बिजली संकट! केंद्र ने कहा- भंडार में बचा है 9 दिन का कोयला

भारत में एक बार फिर कोयला संकट (Coal crisis) गहराने लगा है। बताया जा रहा है उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र समेत समेत 10 राज्य कोयले की कमी से जूझ रहे है। इस कारण अब इन राज्यों पर बिजली का संकट (Power crisis) पैदा हो सकता है। वही अब केंद्र सरकार (Central government) ने भी देश में कोयले की कमी को स्वीकार कर लिया है।
हालांकि सरकार ने कहा है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ( RK Singh) ने बताया की पंजाब और यूपी में कोयले की कोई कमी नहीं है। बल्कि आंध्र, राजस्थान, तमिलनाडु में कोयले की कमी हो गई है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में कोयले की कमी के पीछे अलग-अलग कारण हैं।
उन्होंने बताया कि तमिलनाडु आयातित कोयले पर निर्भर है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में आयातित कोयले के दाम बहुत तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में हमने तमिलनाडु से कहा है कि अगर आप आयातित कोयले पर निर्भर हैं तो कोयले का आयात करें। वही दूसरी ओर आंध्र प्रदेश में भी कोयले का संकट है। यहां रेलवे द्वारा कोयले की ढुलाई में देरी हो रही है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के कोयला संयंत्र में विस्फोटकों की कमी हो गई है।
उन्होंने कहा, यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते विस्फोटक की कमी हो गई थी। ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा, देश में कोयले की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। उन्होंने कहा, कुल मांग में करीब 9 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस बार मांग उतनी तेजी से बढ़ी, जितनी पहले कभी नहीं थी। देश में कोयले के भंडार में कमी आई है। आज से देश का कोयला भंडार (Coal reserves) 9 दिनों के लिए बचा है, पहले यह 14-15 दिनों का था। यह सही है कि मांग बढ़ी है।
लेकिन आपूर्ति इतनी तेजी से नहीं बढ़ पा रही है। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स (Media reports) में बताया गया था कि देश के 10 राज्यों में कोयले की कमी है। इसमें उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, झारखंड, राजस्थान और तेलंगाना शामिल हैं। चार राज्य ऐसे हैं जहां बिजली की मांग के मुकाबले उतनी बिजली नहीं पहुंच रही है। इसमें झारखंड, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड शामिल हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में 21 से 22 हजार मेगावाट बिजली की मांग (Demand for electricity) है, जबकि यहां 19 से 20 हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
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