पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर भारत ने बढ़ाई सुरक्षा, टैंकों की आवाजाही के लिए बनाया रैंप

पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर भारत ने बढ़ाई सुरक्षा, टैंकों की आवाजाही के लिए बनाया रैंप
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भारत ने बॉर्डर पर घुसपैठियों से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। भारत के तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान और चीन से सटी अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए तैयारियां शुरु कर दी हैं। इसमें सेना के टैंकों के लिए रैंप बनाने और बीएसएफ बंकरों को मजबूत करने का काम शामिल किया गया है।

भारत के बॉर्डर पर अक्सर घुसपैठ की घटना सुनने को मिलती हैं। भारत का पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान दोनों अपने बेबुनियाद मंसूबे को पूरा करने के लिए भारत में घुसपैठ की कोशिश करते रहते हैं। हर बार घुसपैठियों को भारतीय आर्मी सबक भी सिखाती है। इसके कई सारे उदाहरण है जब भारतीय आर्मी ने चीन और पाकिस्तान के सैनिकों को उनके मंसूबे में नाकामयाब करते हुए जमकर पीटा है। हाल ही में हुए तवांग विवाद इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। लेकिन भारत ने घुसपैठियों से निपटने के लिए बॉर्डर पर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। ताकि कोई भी भारत को बुरी नजर से देखने की हिम्मत न कर सके।

भारत-पाकिस्तान द्वारा 2021 में सैन्य संघर्ष विराम की घोषणा के बाद से ही भारती की तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसमें सेना के टैंकों के लिए रैंप बनाने और बीएसएफ बंकरों को मजबूत करने का काम शामिल किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बॉर्डर की तमाम गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू स्थित सीमा क्षेत्र के 26 किलोमीटर के खंड में बुनियादी ढांचे के जीर्णोद्धार और कुछ नए निर्माण का पहला चरण पूरा कर लिया गया है।

टैंको की आवाजाही के लिए रैंप का निर्माण

कश्मीर के क्षेत्र में 33 किलोमीटर के खंड को सुरक्षित करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। भारत-पाकिस्तान की कुल 2,289 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा में से 192 किलोमीटर जम्मू से जुड़ी है। जबकि दोनों पड़ोसी देशों के बीच नियंत्रण रेखा प्रमुख रूप से कश्मीर में ही पड़ती है। यह करीब 772 किलोमीटर लंबी है। अधिकारियों ने कहा कि रक्षा बुनियादी ढांचे के विकास में डीसीबी का निर्माण, पुनरुद्धार, क्षतिग्रस्त सीमा बाड़ का रखरखाव, ऊंचे क्षेत्रों में टैंको को की आवाजाही के लिए रैंप का निर्माण, सीमा सुरक्षा बल, निगरानी समेत अन्य सुरक्षा तंत्रों की तैनाती शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि यह काम केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिले कोष से किया जा रहा है।



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