अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखी भारत-रूस की मित्रता, रूसी क्रूड ऑयल पर लगाए गए प्राइस कैप को नहीं मानेगा भारत

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिखी भारत-रूस की मित्रता, रूसी क्रूड ऑयल पर लगाए गए प्राइस कैप को नहीं मानेगा भारत
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अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत और रूस की दोस्ती एक बार फिर से देखने को मिली है। भारत ने G7 द्वारा रूसी क्रूड ऑयल पर लगाए गए प्राइस कैप को मानने से इनकार कर दिया है। इसके लिए रूस ने भारत का धन्यवाद किया। पढ़िए पूरी खबर...

भारत और रूस की दोस्ती एक बार फिर से सामने आई है। भारत ने G7 द्वारा रूसी क्रूड ऑयल पर लगाए गए प्राइस कैप को मानने से इनकार कर दिया है। इस फैसले से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत-रूस की दोस्ती को दुनिया ने देखा। रूस के उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने भारत के राजदूत पवन कपूर से मुलाकात करते हुए भारत को धन्यवाद कहा।

रूसी विदेश मंत्रालय का बयान

भारत ने रूसी क्रूड ऑयल पर लगे प्राइस कैप को मानने से इनकार कर दिया है। यह प्राइस कैप G7 संगठन ने रूसी क्रूड ऑयल पर लगाए थे। भारत के इस फैसले से रूस बहुत खुश हुआ है। जहां एक तरफ सभी देश रूस के खिलाफ हैं, तो वहीं दूसरी तरफ भारत लगातार रूस का समर्थन करते हुए नजर आ रहा है। रूस के विदेश मंत्रालय ने भारत का धन्यवाद करते हुए बयान जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि भारत रूसी क्रूड ऑयल पर लगाए गए प्राइस कैप का समर्थन नहीं करेगा। साथ ही मंत्रालय ने यह भी कहा कि रूस अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए संकट के समय दुनिया भर को ऊर्जा के संसाधनों की सप्लाई कर रहा है। लेकिन आज हमारे क्रूड ऑयल पर प्राइस कैप लगाया जा रहा है।

G7 ने क्यों लगाया रूसी ऑयल पर प्राइस कैप

जब से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा है, तब से ही पश्चिमी देश रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं। ताकि रूस को आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके। एक बार फिर से G7 ने रूस के क्रूड ऑयल पर प्राइस कैप लगाकर उसकी आर्थिक स्थित कमजोर करने की कोशिश कर दी है। लेकिन भारत ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया। भारत का रूस से तेल खरीदना पश्चिमी देशों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा है। जिसको लेकर अमेरिका ने भारत की आलोचना भी की थी। लेकिन फिर भी भारत ने अमेरिका की एक भी नहीं सुनी और रूस से तेल खरीदता रहा। सूत्रों की मानें तो भारत को रूस ब्रेंट से 15-20 डॉलर प्रति बैरल सस्ता तेल दे रहा है। इसका अर्थ यह है कि रूसी ऑयल पर प्राइस कैप लगाने के बाद भी भारत पर इसका कुछ खास असर नहीं पड़ेगा।

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