भारत ने डोमिनिका की हाईकोर्ट से कहा- मेहुल चोकसी को कभी भारतीय नागिरकता छोड़ने की इजाजत मिली ही नहीं

भारत ने डोमिनिका की हाईकोर्ट से कहा- मेहुल चोकसी को कभी भारतीय नागिरकता छोड़ने की इजाजत मिली ही नहीं
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डोमिनिका हाईकोर्ट इस बात पर फैसला कर सकती है कि वह मेहुल चोकसी को भारत भेजेगी या नहीं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि अदालत में हीरा कारोबारी की नागरिकता को लेकर सुनवाई हो रही है।

भारत ने डोमिनिका में हाईकोर्ट को बताया कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हजारों करोड़ के बैंक धोखाधड़ी में वंछित है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साल 2019 के मार्च के महीने में कारोबारी मेहुल चोकसी द्वारा भारत की नागरिकता छोड़ने के की मांग को खारिज कर दिया था। इस बात की जानकारी भी चोकसी को दे दी गई थी। जानकारी मिलने के बाद भी आरोपी मेहुल चोकसी ने इस फैसले को चुनौती नहीं दी।

दरअसल, डोमिनिका हाईकोर्ट इस बात पर फैसला कर सकती है कि वह मेहुल चोकसी को भारत भेजेगी या नहीं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि अदालत में हीरा कारोबारी की नागरिकता को लेकर सुनवाई हो रही है। वर्ष 2016 में मेहुल चोकसी एंटीगुआ और बारबुडा का नागरिक बन गया था। हालांकि, अब यह कैरिबियाई देश भी मेहुल चोकसी की नागरिकता को छीन सकता है। फिलहाल यह मामला कोर्ट में है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेहुल चोकसी ने साल 2017 में 16 नवंबर को एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता हासिल की। इसके बाद उसने अपनी भारतीय नागरिकता को छोड़ने के लिए साल 2018 में 14 दिसंबर को जॉर्ज टाउन, गुयाना में भारतीय मिशन को एक आवेदन दिया था। डोमिनिका की हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि मेहुल केआवेदन जमा किए जाने के बाद मामले की जांच की गई।

29 जनवरी 2019 को गृह मंत्रालय को अनुरोध में कई कमियां मिलीं थीं। चोकसी एक आर्थिक अपराधी था ऐसे में जॉर्ज टाउन में भारतीय मिशन में कांसुलर अधिकारी को सलाह दी गई कि वह नागरिकता छोड़ने के अनुरोध को अस्वीकार करने पर विचार करें। इस बारे में 15 मार्च 2019 को चोकसी को सूचना भेजी गई थी।

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