अब तक 50 लाख लोग देख चुके 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी', प्रेम की निशानी 'ताजमहल' से ऐसे चल रही प्रतिस्पर्धा!

अब तक 50 लाख लोग देख चुके स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, प्रेम की निशानी ताजमहल से ऐसे चल रही प्रतिस्पर्धा!
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देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को किया था। पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह के मुताबिक 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की लोकप्रियता बेहद तेजी से बढ़ी है। कोरोना महामारी खत्म होने के बाद यहां रोजाना एक लाख पर्यटक आएंगे। आगरा के ताजमहल को देखने कितने पर्यटक पहुंच रहे, इस रिपोर्ट में जानिये...

गुजरात में नर्मदा जिला के केवड़िया में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को देखने के लिए अब तक 50 लाख से ज्यादा लोग आ चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट पर्यटन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान दर्ज करा रहा है। हालांकि प्रेम की निशानी ताजमहल अभी भी पर्यटकों की पहली पसंद बना है, लेकिन जिस तरह से 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की लोकप्रियता बढ़ी है, उससे दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा जैसा माना जा सकता है।

देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची इस प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को किया था। पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह ने एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूरिज्म ऑफ इंडिया के 10वें वार्षिक सम्मेलन में बताया कि 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की लोकप्रियता बेहद तेजी से बढ़ी है। अब तक 50 लाख से अधिक लोग इसे देखने आ चुके हैं। कोरोना महामारी खत्म होने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है। अभी ताजमहल पर्यटकों की पहली पसंद बना है। यहां रोजाना 70 हजार से अधिक पर्यटक पहुंच रहे हैं।

केवड़िया पर्यटन के लिए मिसाल

उन्होंने कहा कि केवड़िया पूरे देश के पर्यटन के लिए मिसाल है। यह उदाहरण है कि पर्यटन से कैसे लोगों के जीवनस्तर को सुधारा जा सकता है। 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की वजह से आसपास के लोगों को भी रोजगार और नौकरियां मिली हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोरोना महामारी खत्म होने के बाद यहां रोजाना एक लाख पर्यटक पहुंचेंगे। पर्यटकों की सुविधा के लिए अहमदाबाद से केवड़िया के बीच स्पेशल विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन भी शुरू की गई है।

'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' नाम इसलिए मिला

सरदार बल्लभभाई पटेल ने देश की आजादी के बाद 565 रियासतों को एकता के सुत्र में पिरौने का असंभव कार्य संभव कर दिखाया था। कुछ रियासतें ऐसी थीं, जो पाकिस्तान से दूर होते हुए भी उसी के अधीन रहना चाहती थी। सरदार पटेल ने अपने राजनीतिक कौशल के चलते इस समस्या को बेहद आसानी से सुलझा लिया, जिस कारण अखंड भारत का निर्माण हुआ। सरदार पटेल को उनके दृढ़ संकल्प की वजह से ही लौह पुरुष कहा जाता है।

आखिर क्या खासियत है प्रतिमा में

182 मीटर ऊंची सरदार बल्लभभाई पटेल की इस प्रतिमा को सात से आठ किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है। अमेरिका के 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' की ऊंचाई 93 मीटर है, जो 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की ऊंचाई से लगभग आधी है। इसके निर्माण में करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसका निर्माण 31 अक्टूबर 2013 को शुरू हुआ था और पांच साल लगे। पर्यटन मंत्रालय का कहना है कि आने वाले समय में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पर्यटन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

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