Indian Army Day January 15: आर्मी डे क्या है और 15 जनवरी क्यों मनाया जाता है, जानें इतिहास से जुड़े कई किस्से

भारतीय सेना (Indian Army) के वीर जवानों को हर रोज सलाम करना चाहिए, क्योंकि वो हमारे देश और उसकी सीमाओं की रक्षा करते हैं। भारतीय सेना (15 January) 15 जनवरी 1949 से हर साल सेना दिवस (Army Day) मनाती आ रही है। यह दिन खास तौर से सेना के जवानों के जश्न का दिन होता है। सेना दिवस या भारतीय सेना दिवस 15 जनवरी को देश और सेना के गौरवशाली इतिहास (History of Army) का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।
#WATCH | Indian Army's contingent from the Parachute Regiment marching during the Western Army Commander parade ahead of the Jan 15 Army Day parade pic.twitter.com/Z51nIDW5TZ
— ANI (@ANI) January 13, 2022
कहता हें कि इस दिन को मनाने की कहानी बहुत पुरानी है। दरअसल, 15 जनवरी 1949 को जनरल केएम करियप्पा ने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी। वह पहले भारतीय सेना के सबसे बड़े अधिकारी थे। भारतीय सेना के उस गौरवशाली दिन को याद करने के लिए हम हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाते हैं। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस से पहले यह खास दिन हर साल मनाया जाता है।
15 जनवरी ही क्यों?
इतिहासकारों का मानना है कि 1 अप्रैल 1895 को भारतीय सेना की आधिकारिक रूप से स्थापना हुई। हालाँकि, 1949 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद सेना को इसका पहला प्रमुख मिला। यह ऐतिहासिक दिन था। भारतीय सेना की औपचारिक सुपुर्दगी हुई और जनरल सर फ्रांसिस बुचर ने लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा को कमान सौंपी।
1947 में पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल करियप्पा ने भारतीय सेना का नेतृत्व किया। 14 जनवरी वह भारतीय सेना में दूसरे सर्वोच्च रैंकिंग अधिकारी बन गए। जब उन्हें भारत के फील्ड मार्शल की उपाधि मिली। 1973 में सैम मानेकशॉ इस सर्वोच्च रैंकिंग को रिसीव करने वाले पहले अधिकारी थे।
सेना दिवस का इतिहास
अंग्रेजों से भारत में सत्ता का हस्तांतरण भारत के इतिहास और विदेशी शासन से इसकी स्वतंत्रता का सबसे महत्वपूर्ण अध्याय है। इस दिन सभी सेना मुख्यालय और साथ ही मुख्य मुख्यालय में यह खास दिन मनाया जाता है। सैन्य परेड होती है और साथ ही सेना अपने शौर्य का उम्दा प्रदर्शन करती है।
सेना से जुड़े रोचक किस्से...
लद्दाख में द्रास और सुरू नदियों के बीच बेली ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज है। इसे सेना ने साल 1982 में बनाया था। रोचक किस्सों की बात करें तो भारतीय सेना को जंगलों में लड़ने के मामले में दुनिया की सबसे अच्छी सेना माना जाता है। भारतीय सेना अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है। 1971 में लोंगेवाला के युद्ध में भारतीय सेना के 120 सैनिकों की एक कंपनी ने पाकिस्तान के 2 हजार सैनिकों से मुकाबला किया और उसमें केवल दो लोग घायल हुए थे। द्वितीय विश्व युद्ध में एक कप्तान के रूप में बर्मी मोर्चे पर लड़ते हुए मानेकशॉ के पेट में 7 गोलियां लगी थीं। उनकी बहादुरी को देखते हुए, तत्कालीन डिवीजन कमांडर ने उन्हें सम्मान के रूप में अपना सैन्य क्रॉस प्रतीक चिन्ह दिया।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS