सेना ने किया बयान जारी, कहा भारत और चीन राजनयिक सैन्य माध्यमों से लगातार संपर्क में हैं

भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के विवाद को लेकर दोनों देश के राजनयिक और सैन्य अधिकारी एक-दूसरे से बातचीत कर लगातार संपर्क में बने हुए हैं। भारतीय सेना ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी। दरअसल, पूर्वी लद्दाख में मौजूदा सीमा गतिरोध को लेकर कुछ दिनों से तनाव चल रहा था।
इसके चलते भारत और चीन ने शुक्रवार को अपने तनाव को विवाद में नहीं बदलने देने की प्रतिबद्धता जताई थी और एक- दूसरे की संवेदनशीलता, चिंता और आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए उन्हें बातचीत के माध्यम से खत्म करने पर सहमत हुए थे।
तय समय सीमा के अनुसार शनिवार को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य बातचीत निर्धारित की गई है। जहां दोनों सेनाओं के बीच स्थानीय कमांडरों के जरिए 12 चरण की बातचीत तथा मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच तीन चरण की बातचीत हो चुकी है।
हालांकि अभी तक संवाद के जरिए कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया था कि दोनों पक्ष दोनों देशों के नेतृत्व द्वारा प्रदान किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार मतभेदों को हल करने के लिए सहमत हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच चीन के वुहान शहर में 2018 में हुई अनौपचारिक शिखर बैठक में लिए गए फैसलों के संदर्भ में यह कहा गया। शनिवार सुबह के लिए निर्धारित उच्च स्तरीय संवाद के बारे में कोई भी जानकारी दिए बिना एक बयान जारी किया गया।
इसमें कहा गया कि इन संवादों के बारे में किसी भी तरह की कयासों के आधार पर की गई अप्रामाणिक रिपोर्टिंग मददगार नहीं होगी और मीडिया को ऐसी रिपोर्टिंग से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
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