उज्बेकिस्तान में भारतीय कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत, केंद्र सरकार ने मांगी रिपोर्ट

गाम्बिया में कफ सिरप से हुई 66 बच्चों की मौतों के बाद अब उज्बेकिस्तान में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। उज्बेकिस्तान ने बच्चों की मौत के लिए भारतीय दवा कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है। बच्चों की मौतों पर भारत सरकार ने एक्शन लेते हुए रिपोर्ट मांगी है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय कफ सिरप दवा पर आरोप लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उज्बेकिस्तान में बीते बुधवार को 18 बच्चों की मौत एक भारतीय कफ सिरप की दवाई से जोड़ने के बाद केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि देश में 18 बच्चों की मौत एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित दवाओं के सेवन से हुई है। अपने बयान में मंत्रालय ने कहा है कि Marion Biotech pvt Ltd को 2012 में उज्वेकिस्तान में रजिस्टर्ड किया गया था।
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जांच में पाया गया कि मृत बच्चों ने अस्पताल में भर्ती होने से पहले 2-7 दिन तक दिन में 3 से 4 बार इस दवा का सेवन किया था। इसकी मात्रा 2.5-5 एमएल के बीच थी। जो बच्चों के लिए दवा की मानक खुराक से अधिक है। हालांकि, बयान में सीधे तौर पर दवा में किसी तरह की गड़बड़ी का आरोप नहीं लगाया गया है। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सूत्रों ने खुलासा किया कि इस कंपनी द्वारा निर्मित Doc-1 Max Syrup वर्तमान में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि शुरुआती लैब टेस्ट से पता चला है कि डॉक-1 मैक्स सिरप की इस सीरीज में एथिलीन ग्लाइकोल है। इस रसायन का जिक्र करते हुए मंत्रालय ने कहा कि एथिलीन ग्लाइकॉल एक जहरीला पदार्थ है। इस पदार्थ का सेवन करने से उल्टी, बेहोशी, ऐंठन, हृदय की समस्याएं और गुर्दों की समस्या होती है।
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