नए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देश की विदेश नीति को लेकर कही ये तीन बड़ी बातें

नवनिर्वाचित विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान मोदी सरकार-1 की सराहना करते हुए कहा है कि सरकार के पांच साल जीवित रहे हैं और शायद देश में बदलाव की उम्मीद को भी मजबूत किया है और आगे भी इस सरकार से देश में बदलाव की उम्मीदें हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि ग्लोबलाइजेशन इस समय तनाव में है, ग्लोबलाइजेशन की कई मान्यताओं, ग्लोबल सप्लाई चेन, मोबिलिटी ऑफ टैलंट, मार्केट ऐक्सेस उन सभी मान्यताओं को अब हम एक ही डिग्री और एक ही आत्मविश्वास के साथ बना सकते हैं।
External Affairs Minister, S. Jaishankar at an event in Delhi: The five years of government has kept alive and perhaps even strengthened the expectation of change in the country. pic.twitter.com/lWn1nrE4CP
— ANI (@ANI) June 6, 2019
उन्होंने कहा कि आज अगर हम आर्थिक सुधार को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो मुझे लगता है कि भारतीय विदेश नीति के लिए इसके बाहरी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने, साझेदारी और तंत्र बनाने के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी, जो भारतीय व्यवसायों को देश के बाहर अपना व्यवसाय करने में मदद करें। दूसरा परिवर्तन मैं कहूंगा कि दुनिया भर में आपने व्यापक रूप से राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया है और कारण बहुत जटिल हैं, कि राष्ट्रवाद को कई स्थानों पर चुनावी रूप से मान्य किया गया है। यह हर जगह अलग-अलग है लेकिन कहीं न कहीं इसका संदेश एक है।
EAM S. Jaishankar: Today, if we want to propel economic change, I think there is a greater responsibility for Indian foreign policy to focus on external aspects of it, to create partnerships & mechanisms which help Indian businesses do their business outside the country. pic.twitter.com/mETstX0vVk
— ANI (@ANI) June 6, 2019
विदेश मंत्री ने कहा कि तीसरी बात- जो वास्तव में दीर्घकालिक परिवर्तन है, वैश्विक पुन: संतुलन की तरह है, इसका सबसे तेज प्रभाव पर पड़ा, इसीलिए चीन आज विकास की राह पर है, कुछ हद तक भारत पर भी इसका असर पड़ा है जिससे विकास की राह पर आ गया है, लेकिन कुल मिलाकर यदि आप इसे 20 वर्ष की समय सीमा में देखते हैं, तो यह वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बहुत स्पष्ट बदलाव का संकेत है।
EAM: 3rd which is actually longer term change is sort of global re-balancing, sharpest manifestation of that is rise of China,to some extent rise of India as well but overall if you look at it in a 20-yr time frame,it's very clear relative weights of global economies are changing pic.twitter.com/zx6FHtavkM
— ANI (@ANI) June 6, 2019
उन्होंने कहा कि आज जोर एकीकरण पर है, विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के लिए मुझमें एक साथ काम करने की क्षमता है। मुझे एक हफ्ते से भी कम समय हुआ मंत्री बने लेकिन मैं वित्त और वाणिज्य मंत्री के साथ अधिक समय बिताया है। उन्होंने कहा कि सार्क देशों की कुछ समस्याएं हैं और मुझे लगता है कि हम सभी जानते हैं कि आतंकवाद के मुद्दे को एक तरफ रखने के लिए भी क्या है, कनेक्टिविटी और व्यापार के मुद्दे हैं। अगर आप देखें कि बिम्सटेक (BIMSTEC) के नेताओं को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के लिए क्यों आमंत्रित किया गया था, क्योंकि हम बिम्सटेक (BIMSTEC) में ऊर्जा और भविष्य की संभावना देखते हैं।
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