इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव को बताया देशद्रोही, कहा- दाया के पात्र नहीं

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मंगलवार को देश में कोविड-19 महामारी के बीच एलोपैथी दवाओं के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणियों के लिए योग गुरु रामदेव की कड़ी आलोचना की है। आईएमए ने रामदेव को कथित तौर पर राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल, राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम और कोरोना वायरस के संबंध में भ्रम पैदा करने के लिए देशद्रोही करार दिया है। बता दें कि आज इंडियान मेडिकल एसोसिएशन ने आज देशवासियों को पत्र लिखा है। पत्र में आईएमए ने बाबा रामदेव पर अपना गुस्सा उतारा है और उसे देशद्रोही करार दिया। रामदेव दया के पात्र नहीं है। साथ ही आईएमए ने कोरोना वायरस और अन्य राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रमों के संबंध में अपना काम सूचीबद्ध किया।
बता दें कि यह पत्र इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सामूहिक नेतृत्व का है। आईएमए महामारी के दौरान अपनी एंकरिंग भूमिका निभा रहा है। पत्र में कहा गया है कि हम भारत सरकार और सभी राज्य सरकारों के साथ काम करते हैं। वास्तव में राजनीतिक वर्ग के पीछे हटने के कारण जो खालीपन आया है उसे आईएमए ने पूरी तरह से भर दिया है।
हम वही पेशे की स्वतंत्र आवाज बने हुए हैं। आईएमए की स्थापना 1928 में राष्ट्रवादी चिकित्सा प्रोफेशनल्स द्वारा स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए की गई थी। दुनिया का सबसे बड़ा मेडिकल एसोसिएशन आईएमए आज भी राजनीति, धर्म और क्षेत्र से ऊपर है। आईएमए ने हमेशा सभी राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रमों में समर्थन और शामिल किया है।
आधुनिक चिकित्सा महामारी से लड़ने में अग्रिम पंक्ति में है। मेडिकल छात्रों और निवासियों से लेकर क्रिटिकल केयर और इमरजेंसी केयर फिजिशियन तक। लोगों की सुरक्षा में हर एक डॉक्टर को तैनात किया गया है। आधुनिक चिकित्सा की हर शाखा एक टीम के रूप में योगदान दे रही है। जंग जीतनी बाकी है।
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