भारतीय रेलवे ने कोविड मरीजों के लिए ट्रेन के कोच में बनाए थे वार्ड, अभी तक नहीं हुए इस्तेमाल

देश सहित प्रदेश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं, इससे कोविड- 19 अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेटेड वार्डों की कमी होने लगी है, लेकिन लाखों रुपए खर्च से तैयार आईसोलेशन वार्ड वाली ट्रेनों की बोगियाें का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। रायपुर रेल मंडल के स्टेशनों पर पिछले चार महीनों से 550 आइसोलेटेड वार्ड वाली ट्रेनों के 55 कोच यूं ही खड़े हुए हैं।
55 आईसोलेशन कोच की करीब 49 बोगियां दुर्ग स्टेशन व 6 बोगियां रायपुर स्टेशन पर खड़ी रखी हुई हैं। इधर रायपुर मंडल के रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण को लेकर संकट की स्थिति बन रही है, उसे देखते हुए ट्रेनों के कोच में बनाए गए आइसोलेटेड वार्डों को पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। बरसात के कारण खराब हुए कुछ आइसोलेटेड कोच के विंडो नेट आदि को अपग्रेड कर लिया गया है।
यहां करीब 550 कोरोना पीड़ित मरीजों को आइसोलेटेड वार्ड में रखा जा सकता है। 58 आईसीएफ स्लीपर कोच के प्रत्येक कोच में 10 आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, लेकिन अभी तक इन ट्रेनों के कोच के आईसोलेशन वार्डों की जरूरत महसूस नहीं हुई थी। आने वाले दिनों में कोरोना के मरीजों की तादाद को देखते हुए जल्द ही ट्रेनों के कोच में बनाए गए आईसोलेशन वार्डों की जरूरत पड़ सकती है।
अब तक डिमांड नहीं हुई
रायपुर मंडल के रेलवे अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा ट्रेनों के 55 कोच में तैयार 550 आईसोलेशन वार्ड का केंद्र सरकार या राज्य सरकार कहीं से भी डिमांड नहीं की गई है। इसी वजह से कोरोना मरीजों के लिए तैयार आईसोलेशन वार्ड वाली ट्रेन की बोगियां स्टेशनों पर खड़ी रखी हुई हैं।
रेलवे संस्थानों के क्वारेेंटाइन सेंटर भी
रायपुर रेलमंडल के अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में बिलासपुर रेलमंडल के रेलवे अस्पताल के 100 में 30 क्वारेंटाइन बेड का इस्तेमाल पहले ही राज्य सरकार कोराेना संदिग्धों के लिए कर रही है। वहीं रायपुर मंडल के रेलवे इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट और आरपीएफ बैरक को क्वारेंटाइन सेंटर में बदला गया है। इन दोनों क्वारेंटाइन सेंटर में मरीजों के लिए 112 क्वारेेंटाइन बिस्तरों की सुविधा रखी गई है। फिलहाल अभी तक इसे उपयोग में नहीं लाया गया है
सुरक्षित रखे गए
रायपुर रेलमंडल ने तीन महीने पहले ही काेरोना संक्रमण की आपातकालीन स्थिति से निपटने ट्रेनों के 55 कोच में 550 आईसोलेशन वार्ड बनाए हैं, जाे इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इनमें से कुछ आईसोलेटेड वार्ड कोच को राजधानी लाया गया है। वहीं बाकी दुर्ग यार्ड में सुरक्षित रखे गए हैं।
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