रेलवे ने लाखों खर्च कर बनाए ट्रेन में आइसोलेशन वार्ड, अभी तक सरकार ने नहीं किया इस्तेमाल

रेलवे ने लाखों खर्च कर बनाए ट्रेन में आइसोलेशन वार्ड, अभी तक सरकार ने नहीं किया इस्तेमाल
X
रेलवे ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लाखों खर्च कर ट्रेनों के कोच और रेलवे अस्पतालोें में क्वारेंटाइन व आइसोलेटेड वार्ड बनाया है, लेकिन अभी तक इन ट्रेनों के कोच के आईसोलेशन वार्डों व रेलवे अस्पतालों में बने करीब 200 क्वारेेंटाइन सेंटरों का अब तक उपयोग नहीं किया जा सका।

रेलवे ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लाखों खर्च कर ट्रेनों के कोच और रेलवे अस्पतालोें में क्वारेंटाइन व आइसोलेटेड वार्ड बनाया है, लेकिन अभी तक इन ट्रेनों के कोच के आईसोलेशन वार्डों व रेलवे अस्पतालों में बने करीब 200 क्वारेेंटाइन सेंटरों का अब तक उपयोग नहीं किया जा सका।

रेलवे ने अपनी ट्रेनोें के आइसोलेशन वार्डों व रेलवे अस्पतालों के क्वारेंटाइन सेंटरों को ताला मारकर रखा हुआ है। इधर प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। एम्स व राज्य के चुनिंदा मेडिकल काॅलेजों को कोरोना आइसोलेशन वार्ड व क्वारेंटाइन सेंटर में तब्दील करने के बावजूद राज्य के स्वास्थ्य विभाग पर कोरोना संक्रमण को रोकने व उपचार को लेकर दबाव बढ़ने लगा है।

ऐसे में अगर रेलवे अपने अस्पतालों व ट्रेनों के कोच के आइसोलेशन वार्डों के माध्यम से कोरोना के साथ जंग में राज्य शासन का साथ दे, तो इसके बेहतर परिणाम हो सकते हैं। देखा जाए तो यही समय है कि कोरोना के संदिग्धों व पाजिटिव मरीजों काे आइसोलेटेड, क्वारेंटाइन कर उचित उपचार व जागरूकता में योगदान दिया जाए।

इस पर रायपुर रेल मंडल के अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों के कोच के आइसोलेशन वार्डों व रेलवे अस्पतालों में बने करीब 200 क्वारेेंटाइन सेंटर तैयार रखे हुए हैं। फिलहाल प्रदेश में कोरोना संक्रमण की इतनी विस्फोटक स्थिति नहीं है कि ट्रेनों के कोच के आइसोलेशन वार्डों व रेलवे अस्पतालों में बने करीब 200 क्वारेेंटाइन सेंटर के उपयोग की नौतब आए।

मेंटनेंस को लेकर बढ़ी दिक्कत

पिछले करीब तीन महीने से आइसोलेशन वार्ड वाली ट्रेनों के कोच व रेलवे अस्पताल का क्वारेंटाइन सेंटर बिना उपयोग के धूल लगने की स्थिति में पहुंच गया है। आइसोलेशन वार्ड के तौर पर कोच की खिड़कियों पर लगे नेट आदि धूल, धूप, बारिश और आंधी तूफान में उखड़ने लगे हैं। अस्पताल का क्वारेंटाइन सेंटरों को भी मेंटनेंस कर रखना रेलवे अस्पताल प्रबंधन के लिए मुश्किल हो गया है।

यहां बनाया क्वारेंटाइन सेंटर

रायपुर रेल मंडल के रेलवे इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट और आरपीएफ बैरक को क्वारेंटाइन सेंटर में बदला गया है। इन दोनों क्वारेंटाइन सेंटर में मरीजों के लिए 112 क्वारेेंटाइन बिस्तर की सुविधा रखी गई है। रायपुर रेल मंडल के रायपुर, दुर्ग भिलाई रेलवे अस्पतालों में अलग से आइसोलेशन वार्ड व क्वारेंटाइन वार्ड भी बनाया गया है।

58 कोच में आइसाेलेशन वार्ड

रायपुर रेल मंडल ने 58 कोच को आइसाेलेशन वार्ड में तब्दील किया है। यहां करीब 580 कोरोना पीड़ित मरीजों को आइसोलेटेड वार्ड में रखा जा सकता है। 58 आईसीएफ स्लीपर कोच के प्रत्येक कोच में 10 आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।

Tags

Next Story