भारतीय रेलवे की ट्रेन में नहीं मिलेगी चादर, भोजन और ठंड़ा पानी पर भी रोक

लॉक-डाउन खत्म होने के बाद रेलवे के सामने ट्रेनों के संचालन को लेकर खासी समस्यां पैदा कर दी है। अब रेलवे बोर्ड के सामने एक बड़ा सवाल यह है कि ट्रेनों के शुरू होने पर किस तरह ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को कोरोना के संक्रमण से बचाव हो सकेंगे। इसके लिए किन नियमों व उपाय किए जाए। इसको लेकर रेलवे बोर्ड जोनल व मंडल कार्यालय के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की जा रही है। इसमें रेलवे के अला-अधिकारियों द्वार कई तरह के सुझाव दिए है। जिसमें ट्रेनों के संचालन के एक पखवाड़े तक खाने और एक महीने तक चादरें नहीं देने की बात निकलकर सामने आई है। इसके अलावा गर्मी के इस सीजन में यात्रियों को मिलने वाली ठंडे पानी की बोतल की जगह सिर्फ सादा पानी देने का भी सुझाव निकल कर सामने आया है। हालाकि इस संबंध में रेलवे सूत्रों का कहना है कि यह नियम कुछ ट्रेनों चुनिंदा ट्रेनों में लागू करने को लेकर विचार चल रहा है।
चुनिंदा रूटों पर ही सीमित संख्या चलेगी ट्रेनें
रेलवे बोर्ड ने जोनल व मंडल के आला-अधिकारियों से मिले सुझाव को लेकर मंथन करना शुरू कर दिया है। इसमें जहां लॉकडाउन के बाद कुछ चुनिंदा रूटों पर ही सीमित संख्या में ट्रेनों चलाने के साथ स्लीपर क्लास की ट्रेनों की बोगियों में तो शारीरिक दूरी के लिए वेटिंग लिस्ट और मिडिल कंफर्म सीटों को हटाने पर विचार किया जा रहा है।
खाना न देने पर फिलहाल विचार चल रहा
ट्रेन में सतर्कता के तहत कुछ चुनिंदा ट्रेनों में पीने के लिए यात्रियों को सादा पानी व खाना न देने पर फिलहाल विचार चल रहा है। अभी इसको लेकर कोई फाइनल निर्णय भी नहीं हुआ है।
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