राज्य सरकारों के कहने पर ट्रेन चलाएगा भारतीय रेलवे, सरकार को खरीदने होंगे सभी टिकट

राज्य सरकारों के कहने पर ट्रेन चलाएगा भारतीय रेलवे, सरकार को खरीदने होंगे सभी टिकट
X
पश्चिम मध्य रेलवे जोन की सीपीआरओ ने बताया कि नई गाइडलाइन उन्हें नहीं मिली है। लेकिन पूर्व से ही स्पष्ट निर्देश हैं कि रेलवे मजदूर व छात्रों को सीधे कोई टिकट नहीं देगा। अपनी मर्जी से कोई ट्रेनें भी नहीं चलाएगा, जब मजदूर व छात्रों के लिए स्थानीय प्रशासन की तरफ से मांग की जाएगी तभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं जाएंगी।

एक दिन पूर्व 347 मजूदरों के साथ नासिक से भोपाल आई श्रमिक स्पेशल ट्रेन भोपाल के मिसरोद स्टेशन आई थी। इसमें सफर करने वाले मजदूरों के आरोप लगाया था कि उससे ट्रेन का किराया वसूला गया। उनको टिकट खरीदना पड़ा। मजदूरों से 215 व 315 रुपये लिए हैं। कई मजदूरों ने कहा था कि यह राशि रेलवे ने ली है। जबकि रेलवे के अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने किसी भी मजदूर से कोई किराया नहीं लिया है।

उन्होंने महाराष्ट्र प्रशासन को टिकट दिए थे, प्रषासन से ही राशि ली थी। इसके बाद इस मामले पर काफी हंगामे के बाद रेलवे बोर्ड ने रविवार को एक गाइड लाइन जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन राज्य सरकार के चाहने पर चलेगी। जिसकी टिकट प्रशासनिक अधिकारियों को खरीदने होगी। या फिर सरकार एक मुश्त किराया देना होगा। रेलवे सिर्फ सरकरों को तीर्थ दर्शन ट्रेन की तर्ज पर ट्रेन उपलब्ध कराएगी। जिसमें मजदूर व छात्र अपनी मर्जी से सफर नहीं कर सकेंगे। ये टिकट भी खुद नहीं खरीद सकेंगे। इसके लिए स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की मदद लेनी होगी। ये अधिकारी ही मजदूरों की सूची रेलवे को देंगे ।

पश्चिम मध्य रेलवे जोन की सीपीआरओ ने बताया कि नई गाइडलाइन उन्हें नहीं मिली है। लेकिन पूर्व से ही स्पष्ट निर्देश हैं कि रेलवे मजदूर व छात्रों को सीधे कोई टिकट नहीं देगा। अपनी मर्जी से कोई ट्रेनें भी नहीं चलाएगा, जब मजदूर व छात्रों के लिए स्थानीय प्रशासन की तरफ से मांग की जाएगी तभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं जाएंगी।

यह है रेलवे की गाइड लाइन

- मजदूर, छात्र को अपने राज्य जाना हो तो वह स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को आवेदन कर सकेंगे।

- मजदूरों की सूची स्थानीय प्रशासन तैयार करके रेलवे को देगा। टिकट की राशि भी प्रशासन रेलवे को देगा। तब रेलवे टिकट जारी करेगा।

- मजदूरों को ट्रेन में बैठाने व ट्रेन से उतारने के बाद उनकी जांच की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन करेगा।

- कोई भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें 500 किलोमीटर से कम दूरी के लिए नहीं चलेगी।

- ट्रेन में बैठते समय का भोजन स्थानीय प्रशासन द्वारा मजदूरों को दिया जाएगा।

- ट्रेन 12 घंटे तक चली तो उस स्थिति में रेलवे की तरफ से मजदूरों को खाना उपलब्ध कराया जाएगा।

- ट्रेन किसी भी बीच के स्टेशन पर नहीं रूकेगी। यानी चहां से चलेगी और जहां तक जाएगी, उन्हीं दो स्टेशनों पर ट्रेनें रूकेंगी।

Tags

Next Story