भारतीय ट्रेन के कोच स्मार्ट फोन की मदद से होंगे सैनेटाइज, व्हीकल रोबोटिक सेनेटाइजर मशीन की गई तैयार

भारतीय ट्रेन के कोच स्मार्ट फोन की मदद से होंगे सैनेटाइज, व्हीकल रोबोटिक सेनेटाइजर मशीन की गई तैयार
X
रेलवे ने कोरोना संक्रमणकाल के बीच ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है। ऐसे में इन ट्रेनों को गंतव्य के प्रारंभ व अंतिम स्टेशन से चलने के पूर्व सेनेटाइजर से कोरोना वायरस मुक्त बनाया जाना बेहद जरूरी है। रेलवे बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल के अलावा दर्जनभर से अधिक यात्री ट्रेनें चला रहा है।

रेलवे ने कोरोना संक्रमणकाल के बीच ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है। ऐसे में इन ट्रेनों को गंतव्य के प्रारंभ व अंतिम स्टेशन से चलने के पूर्व सेनेटाइजर से कोरोना वायरस मुक्त बनाया जाना बेहद जरूरी है। रेलवे बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल के अलावा दर्जनभर से अधिक यात्री ट्रेनें चला रहा है। साथ ही अगामी 1 जून से 200 के करीब और यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू होने जा रहा है।

ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती है कि ट्रेनों को चलने से पहले निर्धारित समय पर कम संसाधन व खर्च पर सेनेटाइज कैसे किया जाए। इसके लिए रायपुर रेलमंडल ने एक नायाब तरीका ईजाद किया है। रेलमंडल के रेलवे डिपो के इंजीनियरों ने ट्रेनों के कोच को कम समय, मैन पावर और कम खर्च पर तेज गति से सेनेटाइजर स्प्रे करने एक व्हीकल रोबोटिक सेनेटाइजर मशीन तैयार किया है।

जो स्मार्टफोन रिमोट कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम तकनीक पर कार्य करते हुए सिर्फ एक स्मार्ट फोन यूजर के सहारे ट्रेनों के 24 से 25 कोच को सेनेटाइजर स्प्रे करने में सक्षम है। रायपुर रेलमंडल के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन के कोच में प्रवेश किए बिना कोच को सेनेटाइज कर कोरोना संक्रमण मुक्त बनाने के लिए रेलवे ने व्हीकल अल्ट्रावायलेट सेनेटाइजेशन रोबोट मशीन तैयार किया है।

खतरा उठाए बगैर सेनेटाइजर स्प्रे

इस तकनीक के आने से कोच के अंदर जाकर कोरोना वायरस के संपर्क के खतरे के बीच सेनेटाइजर स्प्रे करने वाले सफाईकर्मियों को राहत मिलेगी। अब व्हीकल अल्ट्रावायलेट सेनेटाइजेशन रोबोट मशीन से मिनटों में पूरे ट्रेन को आसानी से सेनेटाइज कर कोरोना वायरस मुक्त बनाया जा सकेगा।

रोबोटिक मशीन की विशेषता

यह व्हीकल सेनेटाइजर रोबोटिक मशीन से कोच को सेनेटाइज करने के लिए यूवी-सी किरणों को रिमोट के द्वारा नियंत्रित कर छोड़ा जाता है, रिमोट कैमरे की दृष्टि से सेनेटाइजर मूवमेंट को देखा जा सकता है। यह एक गैर-रासायनिक आधारित तकनीक है, इससे संदूषण नहीं होता है।

यूवी-सी किरणें रोग जनकों और वायरस को मारने में प्रभावी हैं। कोच में सेनेटाइज करने के लिए सफाई स्टाफ काे सफाई के लिए कोई सीधे संपर्क की जरूरत नहीं पड़ती। बाजार में इस रोबाेट मशीन की कीमत लगभग ढाई लाख रुपए है, जबकि रेलवे डिपो के इंजीनियराें ने इसे मात्र 25 हजार रुपए की लागत से निर्मित किया है।

Tags

Next Story