अब H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस ले रहा लोगों की जान, 451 मामले और दो की मौत, जानें लक्षण एवं बचाव

अब H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस ले रहा लोगों की जान, 451 मामले और दो की मौत, जानें लक्षण एवं बचाव
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H3N2 Influenza वायरस ने लोगों को डर के साये में रहने के लिए मजबूर कर दिया है। इस वायरस के अब तक 451 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 2 लोगों की मौत हो गई। जानें क्या हैं इसके लक्षण...

H3N2 Influenza: कोरोना वायरस के बाद अब एक नए वायरस ने लोगों की जिंदगी में दस्तक दे दी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने देश में मौसमी इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने फ्लू वैक्सीन ड्राइव पर जोर देने की बात कही है। पद्म श्री डॉ. रणदीप गुलेरिया ने H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के तेजी से फैलने के बारे में चेतावनी दी है। सोमवार को उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि लोगों को फेस मास्क का उपयोग करने और हाथों को सैनिटाइज करते रहने की जरूरत है। नहीं तो इस वायरस का प्रकोप पूरे देश को झेलना पड़ सकता है।

बता दें कि मौसमी इन्फ्लूएंजा के कारण देश में 2 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से एक की मौत कर्नाटक में जबकि दूसरे की हरियाणा में हुई है। डॉ. गुलेरिया ने राष्ट्रीय कोविड टास्क फोर्स का नेतृत्व भी किया था। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि इससे बचने के लिए लोग कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन कर सकते हैं या फिर वैक्सीन ले सकते हैं। डॉ. गुलेरिया ने यह चेतावनी नागपुर में एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज की ओर से आयोजित एक सम्मेलन के दौरान दी है।

डॉ गुलेरिया ने आगे कहा कि मास्क का उपयोग हमें लगातार करते रहना चाहिए, क्योंकि यह छोटी बूंद का संक्रमण है जो कि खांसी से फैलता है। कई बार देखने को मिलता है बच्चे स्कूलों में संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं और वे इसे बुजुर्गों को दे देते हैं। इसके कारण से बुजुर्ग अधिक गंभीर बीमारी से पीड़ित रहने लगते हैं। इसलिए सभी को टीकाकरण पर जोर देना चाहिए। इन्फ्लूएंजा जैब हर साल एक नए टीके के रूप में आता है। ये ऐसा टीका है जो इन्फ्लूएंजा ए, इन्फ्लूएंजा बी और उनके सभी टाइप को भी कवर करता है।

इन्फ्लूएंजा के देश में कितने मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2 जनवरी से 5 मार्च तक देश में एच3एन2 के 451 मामले सामने आए हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने भी बीते सप्ताह लोगों को साबुन से हाथ धोने और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने के लिए कहा था। इसके अलावा कहा कि मास्क का इस्तेमाल करें और छींकते व खांसते समय मुंह और नाक को ढ़कें।

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