INS Mormugao: चीन को भारत ने फिर दिखाई ताकत, अब नौसेना में शामिल हुआ बाहुबली 'INS Mormugao', जानें खासियतें

INS Mormugao: तवांग में भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने अपने सबसे घातक बाहुबली आईएनएस मोरमुगाओ को हिंद महासागर में उतार दिया है। रविवार को नौसेना के बेड़े में आईएनएस मोरमुगाओ शामिल हुआ। इससे चीन अब हिंद महासागर में भारत को धमका नहीं पाएगा। भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुए इस आधुनिक हथियारों से लैस युद्धपोत को देखकर चीन और पाकिस्तान में खलबली मच गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईएनएस मोरमुगाओ को रविवार को नौसेना में शामिल किया गया है। इस मौके पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नौसेना के कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके लिए मुंबई के नेवल डॉकयार्ड पर एक कार्यक्रम किया गया। आईएनएस मोरमुगाओ के कमीशनिंग समारोह में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत मौजूद रहे।
जानें आईएनएस मोरमुगाओ के बारे में
गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर इसका नाम मोरमुगाव रखा गया है। इसे पहली बार 19 दिसंबर 2021 को समुद्र में उतारा गया था। इस दिन गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्ति के 60 साल पूरे हुए थे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आईएनएस मोरमुगाओ ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है। इसके अलावा आईएनएस मोरमुगाओ में इजरायल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार 'एमएफ-स्टार' भी लगा है। जो हवा में ही लंबी दूरी के टारगेट को डिटेक्ट कर लेती है। रडार में भी नहीं आता है।
जानकारी के लिए बता दें कि आईएनएस मोरमुगाओ को स्टील्थ तकनीक से लैस किया गया है। इस वजह से इस युद्धपोत को रडार से देखना मुश्किल है। ब्रह्मोस मिसाइल इसका मुख्य हथियार है। यह मिसाइल अपने लक्ष्य पर सटीक टारगेट से हमला करती है। युद्धपोत में हवाई हमले से बचाव के लिए बराक-8 मिसाइल हैं। आईएनएस मोरमुगाओ स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। यह भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक कहा जाता है।
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