दुश्मनों को पटकनी देने के लिए बढ़ाया जा रहा है भारतीय नौसेना की ताकत, समुद्र में उतारा गया INS वागीर

केंद्र सरकार, भारतीय सेना के साथ-साथ नौसेना की भी ताकत को मजबूत करने के लिए एड़ी-चोटी एक करने में जुट गई है। समुद्र में भारतीय नौसेना की सुरक्षा और सामने वाले दुश्मनों को मात देने के मद्देनजर एक नई पनडुब्बी तैयार की जा रही है। यह पनडुब्बी अमेरिका-रूस के टक्कर में होगी।
गुरुवार को भारतीय नौसेना को पांचवीं स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वागीर सौंपी गई। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने इस बात की जानकारी दी। श्रीपाद नाइक ने बताया कि मुंबई के मझगांव डॉक पर आईएनएस वागीर को लॉन्च किया गया। इसके बाद नौसेना की ताकत को बढ़ाने और देश की सुरक्षा के लिए आईएनएस वागीर को समुद्र में उतार दिया गया।
इस पनडुब्बी को प्रोजेक्ट 75 (P75) के तहत तैयार किया गया है। श्रीपाद नाइक ने कहा कि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ( MDSL) प्रोजेक्ट 75 के तहत फ्रेंच सहयोगी और वहां की नौसेना के साथ मिलकर पनडुब्बियों के लिए तकनीक ट्रांसफर पर काम कर रही है। यह डील दोनों देश के बीच 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत पर हुआ था।
पहले ही फ्रांस से भारत को मिल चुकी तीन पनडुब्बी
श्रीपाद ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत फ्रांस भारत को 6 स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियां देने का टारगेट रखा गया है। जिसमें से भारत को तीन पनडुब्बी आईएनएस कलवारी, खांडेरी और करंज पहले ही मिल चुकी हैं और अब आईएनएस वागीर को तैयार कर भारत को सौंपा जाएगा।
जबकि वागशीर पनडुब्बी पर अभी काम चल रहा है। इसे भी ज्लद तैयार कर भारत को सौंप दिया जाएगा। आईएनएस कलवरी को 2015 में लॉन्च किया गया था। इसके बाद साल 2017 के अंत में उसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था।
पनडुब्बियों की खासियत
श्रीपाद ने बताया कि इन पनडुब्बियों की खासियत है कि समुद्र के अंदर छिपकर दुश्मुन को मार गिराने की क्षमता है। साथ ही दुश्मनों की खुफिया जानकारी पर भी पैनी नजर रखता है। इसके अलावा माइंस बिछाने, परमाणु हथियारों से हमला और एरिया सर्विलांस जैसे खासियतों से पूरी तरह लैस हैं।
पनडुब्बी का निर्माण रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDSL) द्वारा किया गया है।
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