इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट: 2 साल बाद लंदन से भारत लाया गया ड्रग सप्लायर, 7 दिन रहेगा क्वारंटीन

इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट: 2 साल बाद लंदन से भारत लाया गया ड्रग सप्लायर, 7 दिन रहेगा क्वारंटीन
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इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट संचालक 39 वर्षीय किशन सिंह आखिरकार लंदन से रविवार रात भारत पहुंच गया। करीब दो साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इसके प्रत्यर्पण को यूके से मंजूरी मिली।

निर्देश तोमर

चीफ रिपोर्टर

इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट संचालक 39 वर्षीय किशन सिंह आखिरकार लंदन से रविवार रात भारत पहुंच गया। करीब दो साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इसके प्रत्यर्पण को यूके से मंजूरी मिली। स्पेशल सेल की टीम आरोपी को दिल्ली ले आयी है। कोरोना गाइडलाइंस के चलते आरोपी को अगले सात दिनों के लिये क्वारंटीन किया गया है। इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट का सरगना किशन सिंह 2015 से ब्रिटिश नागरिक है। उसकी पैदाइश राजस्थान की है।

डीसीपी संजीव कुमार यादव के अनुसार, स्पेशल सेल ने साल 2017 में ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश किया था। इस केस में 15 फरवरी को अमनदीप सिंह, हरप्रीत सिंह और हरनीश सरपाल को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 25 किलो 852 ग्राम म्याऊं म्याऊं ड्रग्स बरामद हुई थी। नामक खिलाड़ी गिरफ्तार किया था। उस दौरान तीनों ने पूछताछ में लंदन, यूके में बसे किशन सिंह के नाम का खुलासा किया था।

हरप्रीत है सिल्वर मेडल विजेता

हरप्रीत ने ऑस्ट्रेलियन कॉमनवेल्थ यूथ गेम 2004 में सिल्वर मेडल हासिल किया था। इसके दो अन्य साथियों अमनदीप और हनीश के पास से बरामद हुई ड्रग्स की कीमत 50 करोड़ रुपये आंकी गई थी। म्याऊं म्याऊं नाम की ड्रग्स मुंबई और दिल्ली में आयोजित होने वाली रेव पार्टियों में सप्लाई की जानी थी।

राजस्थान का रहने वाला है किशन सिंह

किशन सिंह मूलरूप से राजस्थान के जिला नागौर स्थित रेवांत गांव का रहने वाला है। वह 2009 में अपने परिवार को नागौर में ही छोड़कर लंदन चला गया था। उसने वहां खिड़कियां बनाने का काम शुरू किया था। 2015 में उसे यूके की सिटीजनशिप मिल गई थी। इसके बाद किशन इंटरनेशनल ड्रग्स सिंडीकेट का सरगना बन गया। हनीश ने पुलिस को बताया था कि वह एमबीए करने के लिए स्टूडेंट वीजा पर लंदन गया था। वहीं उसकी मुलाकात किशन सिंह से हुई थी। जिसके बाद वह ड्रग रैकेट के धंधे में शामिल हो गया। अमनदीप, हनीश और हरप्रीत दिल्ली में उसके धंधे की कमान संभालते थे।

2018 में शुरू हुई थी प्रत्यर्पण की कोशिश

पुलिस के अनुसार किशन सिंह का नाम सामने आने पर उसे भगौड़ा घोषित किया गया था। उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ। उसके प्रत्यर्पण की कार्रवाई 2018 में शुरू हुई थी। इंटरपोल के जरिये यूके सरकार को किशन सिंह को डिपोर्ट किये जाने की सिफारिश की गई थी।

2019 में पुलिस को मिली थी पहली सफलता

2019 में किशन सिंह को भारत भेजने का पहला ऑर्डर दिया गया था। लेकिन आरोपी हाईकोर्ट में पहुंच गया। वहां पर भी स्पेशल सेल के पुख्ता सबूत उसके प्रत्यर्पण में सहायक हुये। आखिर में लंदन हाईकोर्ट ने आरोपी के प्रत्यर्पण के ऑर्डर जारी कर दिये। इसके बाद किशन सिंह ने ह्यूमन राइट्स यूरोपियन कोर्ट में भी अपील की थी लेकिन वह भी खारिज कर दी गई थी। इसके बाद डीसीपी पी एस कुशवाह ने नेतृत्व में एसीपी संजय दत्त और इंस्पेक्टर अनुज कुमार की टीम लंदन भेजी गई और किशन सिंह को वापस लाया गया।

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