Chandrayaan 2: डी ऑरबिट प्रक्रिया का दूसरा चरण हुआ पूरा, 7 सितंबर को होगी लैंडिंग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सबसे महत्वपूर्ण मिशन चन्द्रयान 2 ने बुधवार 4 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने के लिए अंतिम डी-ऑर्बिटल को सफलतापूर्वक पूरा किया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि डी-ऑर्बिटिंग की दूसरी प्रक्रिया सुबह 3.42 बजे पूरी हुई।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा कि चंद्र सतह पर एक ऐतिहासिक नरम-लैंडिंग की दिशा में काम हो रहा है। इससे पहले मंगलवार को डी-ऑर्बिटल की पहली प्रक्रिया को पूरा किया था।
#ISRO
— ISRO (@isro) September 3, 2019
The second de-orbiting maneuver for #Chandrayaan spacecraft was performed successfully today (September 04, 2019) beginning at 0342 hrs IST.
For details please see https://t.co/GiKDS6CmxE
चंद्रयान-2 का दूसरा डी-ऑर्बिटिंग प्रक्रिया के पूरा होने पर इसरो ने कहा कि चंद्र सतह पर एक ऐतिहासिक नरम-लैंडिंग की दिशा में काम कर रहा है। 'विक्रम लैंडर के लिए चंद्रमा की सतह की ओर उतरना शुरू करने के लिए चक्कर लगा रहा है।
जबकि चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान ने 96 किमी की परिधि में चंद्रमा की परिक्रमा जारी रखी और अब उसका उल्टा चक्कर 125 किमी की रफ्तार से लगा रहा है। विक्रम लैंडर 35 किमी की ऊंचाई पर चक्कर लगा रहा है।
बीते दिनों लैंडर विक्रम चंद्रयान-2 के मॉड्यूल से अलग हुआ था। इसरो के अनुसार, भारतीय समयानुसार लैंडर विक्रम दिन में करीब 1 बजकर 35 मिनट पर सफलतापूर्वक अलग हो गया था।
लैंडर विक्रम 7 सिंतबर को तड़के 1 बजकर 30 मिनट से 2 बजकर 30 मिनट के बीच चन्द्रमा के दक्षिण ध्रुव क्षेत्र में उतर जाएगा। इसरो ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है।
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