Israel-Hamas War 21st Day: इजराइल-हमास की जंग तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही, पढ़ें भारत किन देशों का करेगा समर्थन

Israel-Hamas War 21st Day: इजराइल-हमास की जंग तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही, पढ़ें भारत किन देशों का करेगा समर्थन
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फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग को आज 21वां दिन है। अमेरिका ने सीरिया में एयर स्ट्राइक करके तीसरे विश्व युद्ध छिड़ जाने की चर्चाओं को बढ़ा दिया है। अगर तीसरा विश्व युद्ध शुरू होता है तो भारत का रूख क्या रहेगा, पढ़िये ये रिपोर्ट...

Israel-Hamas War 21st Day Updates: फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग को आज 21वां दिन है। अमेरिका ने सीरिया में एयर स्ट्राइक करके तीसरे विश्व युद्ध छिड़ जाने की चर्चाओं को बढ़ा दिया है। इन चर्चाओं के बीच, चीन की सबमरीन और युद्धपोत पाकिस्तान की ओर बढ़ रहे हैं। बीती रात पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करके अरनिया सेक्टर में गोलीबारी की, जिसमें आम नागरिकों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। हालांकि भारतीय सेना इस हमले का जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन इन सभी घटनाओं के मद्देनजर सवाल उठता है कि अगर तीसरा विश्व युद्ध शुरू होता है, तो भारत अरब देशों का समर्थन करेगा या पश्चिमी देशों का। चलिये इन सवालों का जवाब जानने के लिए विश्व युद्ध 2 में भारत की भूमिका के बारे में समझते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 के बीच चला था। उस वक्त भारत पर ब्रिटिश उपनिवेश था। ऐसे में भारत ने अधिकारिक रूप से नाजी जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। इस युद्ध में शामिल होने के लिए करीब 20 लाख भारतीय सैनिकों को भेजा गया। मित्र देशों की सेनाओं के साथ मिलकर भारतीय सैनिकों ने पूरे विश्व में दुश्मनों के खिलाफ युद्ध लड़ा। इस युद्ध में करीब 89 हजार भारतीय सैनिक मारे गए। लेकिन भारत को एक फायदा भी मिला। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद भारत दुनिया की चौथी बड़ी औद्योगिक शक्ति के रूप में उभरा। वहीं, दूसरी तरफ इस युद्ध में शामिल होने वाले कई देश पूरी तरह बर्बाद हो गए और दोबारा से खड़ा होने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। अब अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है, तो न केवल विकसित देश बल्कि विकासशील देशों के भी बुरी तरह से बर्बाद होने की आशंका है।

इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने से अभी तक भारत का रूख

फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को 5000 मिसाइलें दाग दी थीं। हमास के लड़ाके इजराइल की सीमा में घुसे और निर्दोष नागरिकों की बर्बर हत्या कर दी। यही नहीं 250 से अधिक नागरिकों को बंधक बना लिया। इस हमले से पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई थी। भारत ने इस हमले के तुरंत बाद प्रतिक्रिया दी और कहा कि हम इस हमले की निंदा करते हैं और इस घड़ी में हम इजराइल की जनता के साथ हैं। यही नहीं, पीएम मोदी ने दो दिन बाद इजराइल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात करके ताजा हालात का जायजा लिया।

गाजा के अल अहली अस्पताल पर 18 अक्टूबर को हमला हुआ। इस पर पीएम मोदी ने इस हमले पर दुख जताया और कहा कि इस हमले के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यही नहीं, भारत ने फिलिस्तीन को मदद भी पहुंचाई थी। भारत ने 22 अक्टूबर को गाजा में घायल नागरिकों के लिए दवाइयां, खाद्य सामग्री और अन्य जरूरी चीजें भेजकर मदद की थी। भारत ने स्पष्ट कहा था कि हम फिलिस्तीन की आजादी का समर्थन करते हैं, लेकिन आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अगर तीसरा विश्व युद्ध आतंकवाद के खिलाफ लड़ा गया तो आसानी से समझा जा सकता है कि भारत का रूख क्या रहेगा।

पाकिस्तान और चीन पर भारत की क्यों नजर

गुरुवार को खबर सामने आई थी कि चीन ने सबमरीन और युद्धपाेत पाकिस्तान के लिए रवाना की हैं। बताया गया था कि दोनों देशों के बीच युद्धाभ्यास किया जाएगा। इस युद्ध अभ्यास के मद्देनजर भारत दोनों देशों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रख रहा था। लेकिन रात को ही पाकिस्तान ने ऐसा हमला कर दिया, जो कि इन दोनों देशों के मंसूबों पर सवाल उठाता है। पाकिस्तान ने अरनिया में सीजफायर का उल्लंघन करके भारतीय क्षेत्र में भारी गोलीबारी की। हालांकि भारत इस हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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