'गगनयान' देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता को देगा बढ़ावा : इसरो चीफ

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चीफ के सिवन (ISRO Chief K Sivan) ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारत के अगले अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' (Gaganyaan) को लेकर बताया कि कुछ सवाल हैं- किस तरह से गगनयान उपयोगी होने जा रहा है?
गगनयान भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमता को बढ़ावा देगा। 2020 दिसंबर तक हम मानव अंतरिक्ष विमान का पहला मानवरहित मिशन करने जा रहे हैं।
के सिवन ने आगे बताया कि दूसरे मानवरहित मानव अंतरिक्ष विमान के लिए हम जुलाई 2021 के लिए लक्षित कर रहे हैं। दिसंबर 2021 तक पहले भारतीय को हमारे अपने रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा। यह हमारा लक्ष्य है, इसरो में हर कोई उस पर कार्य कर रहा है।
ISRO Chief K Sivan: The 2nd unmanned human space plane, we are targeting for July 2021. By December 2021 the first Indian will be carried out, by our own rocket, to space. This is our target, everybody at ISRO is working on that. https://t.co/CftiwoNaH1
— ANI (@ANI) September 21, 2019
चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल किया
बता दें कि शनिवार को ही सिवन ने जानकारी दी कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है। वैज्ञानिक लैंडर विक्रम के साथ संपर्क करने के लिए मेहन कर रहे हैं। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सही से कार्य कर रहा है और तय वैज्ञानिक प्रयोग ठीक से कर रहा है।
आपको बता दें कि लैंडर विक्रम, रोवर प्रज्ञान के भीतर है। 14 दिनों तक लगातार लैंडर विक्रम से संपर्क की कोशिश हुई। लेकिन इसरों का कामयाब हासिल नहीं हुई। लैंडर जिसे चंद्र सतह पर सॉफ्ट लैंडग करनी थी और रोवर के साथ अभी भी चांद पर मिशन जारी है। जो 14 दिनों के बाद फिर से वापस शुरू किया जाएगा।
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