संसद सत्र के पहले ही दिन फोन टैपिंग पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव का करारा जवाब, जासूसी की रिपोर्ट फर्जी

संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन पेगासस जासूसी कांड को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा बयान दिया और फोट टैपिंग पर कहा कि ये रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है और फर्जी है। रविशंकर प्रसाद ने भी कहा कि मानसून सत्र से पहले ही क्यों ये मुद्दा उठाया गया। सदन में विपक्ष के आरोपों को खारिज किया गया।
सरकार ने विपक्ष के आरोपों को किया खारिज
अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी किए जाने के आरोप को लेकर कहा कि भारतीय लोकतंत्र की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में पहले से ही नियंत्रण और निगरानी की व्यवस्था है। तो अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध निगरानी संभव नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में आगे कहा कि ऐसे समय में अहम है जब मानसून सत्र के पहले दिन विपक्षी दलों ने इसे लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया। साथ ही यह भी कहा कि मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर ये मामला आया है कि स्पाइवेयर का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों सहित कई भारतीयों पर नजर रखने के लिए किया गया था।
एक दिन पहले सामने आई थी फोनटैपिंग केस की खबरें
सदन में विपक्ष के आरोपों पर कहा कि बीती रात एक वेब पोर्टल के द्वारा इस खबर को उठाया गया। इसको लेकर कई खबरे प्रकाशित की गईं। यह प्रेस रिपोर्ट संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले सामने आई। यह संयोग नहीं हो सकता। व्हाट्सएप पर पहले भी स्पाइवेयर के इस्तेमाल करने का दावा सामने आ चुका है। इन रिपोर्टों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं।
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