Jagannath Puri Rath Yatra: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पुरी में निकाली जाएगी रथ यात्रा, रखी ये शर्त

सुप्रीम कोर्ट ने कल मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कल मंगलवार को जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा निकालने की इजाजत दे दी है। लेकिन वह शर्त रखी है कि राज्य के अंदर कहीं भी कोई यात्रा नहीं निकाली जाएगी और इस रथयात्रा में कोई भी श्रद्धालु शामिल नहीं होगा।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक यात्रा की तैयारियों को लेकर मीटिंग करेंगे। इसमें रथ यात्रा के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर तय किया जाएगा। कोर्ट सोमवार को रथ यात्रा पर रोक के खिलाफ कई याचिकाओं सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एस ए बोबडे के तीन सदस्य बेंच ने सुनवाई की है
पुरी में यात्रा रथ यात्रा के समर्थन में केंद्र और ओडिशा सरकार
जानकारी के लिए बता दें कि ओड़िशा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जन भागीदारी के बिना भी रथ यात्रा की जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार भी इसके पक्ष में नजर आ रही है।
केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि भगवान जगन्नाथ मंदिर में सहायक के रूप में काम कर रहे सभी लोगों के कोरोना टेस्ट नेगेटिव आए हैं। कई सदियों से चली आ रही इस रस्म को बाधित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में जन भागीदारी के बिना भी इस इस रथयात्रा को किया जा सकता है।
केंद्र ने कहा कि हालात को देखते हुए कदम उठाए जा सकते हैं। राज्य सरकार यात्रा के दौरान कर्फ्यू लगा सकती है। ताकि लोग सड़कों पर ना उतर पाएं।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश
बीते दिनों पूरी रथ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि अगर हम रथयात्रा को इजाजत देते हैं। तो भगवान नाराज हो जाएंगे। हम यह पाप नहीं कर सकते हैं। ऐसे में साफ तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी।
इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई। वहीं उड़ीसा सरकार और केंद्र सरकार ने भी हलफनामा देखकर रथ यात्रा को बिना जनभागीदारी को शुरू करने की इजाजत मांगी थी।
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