जमीयत चीफ मदनी ने RSS-BJP को दी नसीहत, फिर बोले- समान नागरिक संहिता केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं

जमीयत चीफ मदनी ने RSS-BJP को दी नसीहत, फिर बोले- समान नागरिक संहिता केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं
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मौलाना महमूद मदनी ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महा अधिवेशन में कहा कि भारत में हिंदू और मुस्लिम सब बराबर हैं। सभी को मिलकर देश को मजबूत बनाना है। पढ़िये उनका पूरा भाषण...

दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का महा अधिवेशन चल रहा है। इस दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा कि भारत में अनेक विविधताएं पाई जाती हैं। भारत की आबादी 130 करोड़ है, पर भारत में अलग-अलग रिवाज, भाषाएं, खानपान के तरीके अलग होने के बाद भी देश में एकता कायम है। इसी के साथ-साथ मदनी ने कहा कि दुनिया का सबसे पहला धर्म इस्लाम है। यह मुसलमानों का पहला वतन है। इसलिए किसी को यह नहीं समझना चाहिए की इस्लाम धर्म कहीं बाहर से आया हुआ है यह बोलना बिल्कुल गलत होगा।

बीजेपी और आरएसएस की तारीफ

मौलाना महमूद मदनी ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महा अधिवेशन में कहा कि 'हिंदुत्व की गलत परिभाषा को देश के सामने रखा जाता है। आरएसएस और बीजेपी से कोई अदावत नहीं है। इस देश में हिंदू-मुस्लिम सब लोग बराबर हैं। हम इंसानों के बीच कोई फर्क नहीं समझते हैं। जमीयत ए उलेमा की पॉलिसी रही है कि भारत के तमाम शहर बराबर हैं, इनके बीच भेदभाव नहीं होना चाहिए। हमें पाकिस्तान से कोई मतलब नहीं है। जिन मुसलमानों को जाना था, वो 1947 में भारत छोड़कर चले गए।

इस अधिवेशन के दौरान आरएसएस के पूर्व संघ चालकों की तुलना में मोहन भागवत की भी तारीफ की है। साथ ही यह भी कहा कि आइए आपसी भेदभाव व दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे को गले लगाए और भारत देश को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाए। इसके साथ ही उन्होंने तुर्की में आए भूकंप को लेकर भारत सरकार के प्रयासों की सराहना भी की है। उन्होंने कहा कि देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसको रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। मदनी ने कहा कि अब मेरा जुड़ाव इस देश की सरजमीं से है। ना बुलाए आपके आए हैं, ना निकाले आपसे जाएंगे।

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