'ओम और अल्लाह एक', जमीयत चीफ मदनी के बयान से भड़के धर्मगुरु, Mohan Bhagwat की कि आलोचना

ओम और अल्लाह एक, जमीयत चीफ मदनी के बयान से भड़के धर्मगुरु, Mohan Bhagwat की कि आलोचना
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दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन चल रहा है। इस दौरान जमीयत चीफ मौलाना अरशद मदनी के बयान से मंच पर बवाल हो गया। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अल्लाह और ओम एक हैं।

Maulana Arshad Madani: दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन चल रहा है। इस दौरान जमीयत चीफ मौलाना अरशद मदनी के बयान से मंच पर बवाल हो गया। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अल्लाह और ओम एक हैं। इसके साथ ही उन्होंने मोहन भागवत की आलोचना करते हुए कहा कि हमारे मजहब में दखल क्यों दिया जाता है। हमारा सबसे पहला नबी मनु यानी आदम है। मौलाना मदनी ने कहा कि तुम्हारा पूर्वज हिन्दू नहीं था। तुम्हारा पूर्वज मनु था यानी आदम था। मदनी के इस बयान पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने आपत्ति जताई, जिसके बाद जैन और कई दूसरे धर्मगुरुओं ने मंच छोड़ दिया। जैन गुरु लोकेश मुनि ने कहा कि जोड़ने वाले कार्यक्रम में आपत्तिजनक बातें क्यों?

दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34 वें अधिवेशन चल रहा है। इस दौरान जमीयत चीफ मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान गलत था। उन्होंने कहा कि अल्लाह और ओम एक हैं। हम सबसे पहले इसी देश में पैदा हुए और इसलिए घर वापसी और सारे मुसलमान भी हिंदू हैं, यह बयान जाहिल जैसा है। उनके इस बयान के बाद मंच पर बवाल हो गया। इसके बाद जैन और कई अन्य धर्मगुरुओं ने मंच छोड़ दिया।

इससे पहले जमीयत चीफ महमूद मदनी ने शनिवार को कहा था कि बीजेपी और RSS से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे वैचारिक मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि हम मतभेदों को खत्म करने के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उनके नेताओं का स्वागत करते हैं।

बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अधिवेशन में कई प्रस्ताव पास किए गए हैं। इसमें देश की एकता अखंडता के साथ-साथ मजहबी भाईचारे को मजबूत करने के लिए भी प्रस्ताव पास किया गया है। इसके साथ ही इस अधिवेशन में यूनिफॉर्म सिविल कोड और हेट कैंपेन के खिलाफ भी बातें कही गई हैं।

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