जम्मू-कश्मीर: गुपकर गठबंधन की बैठक में अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव पारित

जम्मू-कश्मीर: गुपकर गठबंधन की बैठक में अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव पारित
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पार्टियों के मुख्य समूह के सदस्य जो पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (People's Alliance for Gupkar Declaration) का हिस्सा हैं, उन्हें सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था। पीएडीजी 6 मुख्यधारा के राजनीतिक दलों का गठबंधन (Alliance) है जो जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की विशेष स्थिति की बहाली की मांग कर रहा है।

पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (PADG- पीएडीजी) ने आज अनुच्छेद 370 (Article 370) पर एक प्रस्ताव पारित किया है जिसे साल 2019 में केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने निरस्त कर दिया था। इससे पहले गुपकर गठबंधन (Gupkar alliance) के नेताओं ने जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (Jammu and Kashmir National Conference) के चीफ फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) के श्रीनगर (Srinagar) स्थित आवास पर अपने पहले सम्मेलन के लिए मुलाकात की। पार्टियों के मुख्य समूह के सदस्य जो पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (People's Alliance for Gupkar Declaration) का हिस्सा हैं, उन्हें सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था। पीएडीजी 6 मुख्यधारा के राजनीतिक दलों का गठबंधन (Alliance) है जो जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की विशेष स्थिति की बहाली की मांग कर रहा है।

पीएडीजी (PADG) के प्रवक्ता एमवाई तारिगामी (Spokesperson MY Tarigami) ने कहा है कि हमने अनुच्छेद 370 और 35A (Article 370 and 35A) के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (Jammu and Kashmir and Ladakh) की संवैधानिक स्थिति को बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया है। पीएडीजी की ओर से कहा गया था कि हाल ही में हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान राजनीतिक और अन्य कैदियों की रिहाई जैसे पर्याप्त विश्वास बहाली उपायों का अभाव था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पार्टियों को चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, अगले 5 से 6 महीनों में केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव होने की उम्मीद है। क्योंकि, परिसीमन प्रक्रिया अभी भी जारी है। इससे पहले पीएम मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में नेताओं को परिसीमन प्रक्रिया में लेने के लिए कहा था। अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद यह बैठक पहली ऐसी कवायद है जिसमें जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा की मांग है।

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