Jagdeep Dhankar: मिमिक्री विवाद पर पक रही सियासी खिचड़ी, लोकसभा चुनाव में रंग लाएगा 'जातियों' का तड़का

Jagdeep Dhankar: मिमिक्री विवाद पर पक रही सियासी खिचड़ी, लोकसभा चुनाव में रंग लाएगा जातियों का तड़का
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Jagdeep Dhankar Mimicry Case: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री किए जाने से जाट समाज आहत है। जाट समाज ने चेतावनी दी है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में इस अपमान का बदला लेंगे। जाट समाज की इस चेतावनी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि जाति को हर मुद्दे में नहीं घसीटा जाना चाहिए। उन्होंने सवाल पूछा कि हर बार राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं मिलती है, तो क्या मुझे यह कहना चाहिए कि दलित होने के कारण ऐसा हुआ है। पढ़िये मिमिक्री विवाद को लेकर पक रही सियासी खिचड़ी में किसका फायदा हो सकता है और किसका नुकसान...

Jat Community Protest in Support of Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने वाले टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के खिलाफ केस दर्ज हो गया है, लेकिन अभी तक उन्होंने माफी नहीं मांगी है। उनका कहना है कि मेरा इरादा अपमान करने का नहीं था। उधर, बीजेपी लगातार हमला बोल रही है कि पूरा विपक्ष टीएमसी सांसद का समर्थन कर रहा है। मीडिया ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी इस विवाद से जुड़ा सवाल पूछा तो उन्होंने भी चुप्पी साध ली। यही नहीं, जाट समाज के बड़े विपक्षी नेता भी खामोश रहे, जबकि जाट समाज सड़कों पर उतरकर चेतावनी दे रहा है कि अगर कल्याण बनर्जी माफी नहीं मांगते, तो आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अलावा किसी को वोट नहीं देंगे। अब सवाल उठता है कि क्या जाट समाज की यह चेतावनी महज कागजी है या फिर असल में विपक्ष के लिए यह विवाद भारी साबित हो सकता है। इससे पहले बताते हैं कि जाट समाज ने क्या कहा और चार घंटे बाद चुप्पी तोड़ते हुए राहुल गांधी ने इस विवाद पर अपना क्या पक्ष रखा है।

जाटों ने उपराष्ट्रपति धनखड़ के समर्थन में किया प्रदर्शन

जाट समुदाय ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के समर्थन में आज विरोध प्रदर्शन किया। पालम 360 खाप प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि टीएमसी सांसद (कल्याण बनर्जी) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और भारत भर के लाखों किसानों से माफी मांगें या हम आज ही एक बड़ी बैठक बुलाएंगे। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस खासकर राहुल गांधी का इस स्थिति के प्रति उनका दृष्टिकोण बहुत ही गैर-पेशेवर और हास्यास्पद था। उन्होंने आगे कहा कि हम एक किसान परिवार का अपमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।

उधर, एक दिन पहले जाट एसोसिएशन ने खुली चेतावनी देकर कहा है कि देश के उपराष्ट्रपति जाट समाज के गौरव हैं। जगदीप धनखड़ साहब की खिल्ली उड़ाई गई है, जिसका हिसाब जाट समाज आने वाले लोकसभा चुनावों में जरूर लेगा। एसोसएिशन ने आगे लिखा कि यह सूचना जाट हित में जारी है।

राहुल ने चार घंटे बाद तोड़ी खामोशी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जब सुबह मिमिक्री विवाद पर सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा था कि मैं टिप्पणी नहीं कर रहा हूं। जब मिमिक्री विवाद बढ़ता गया तो करीब चार घंटे बाद राहुल गांधी ने मीडिया के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मिमिक्री का वीडियो मेरे फोन में है। मीडिया इसे दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे 150 सांसदों को सदन से बाहर निकाल दिया गया है, लेकिन मीडिया उस पर कोई चर्चा नहीं कर रहा है। अडानी पर, राफेल पर और न ही बेरोजगारी पर कोई चर्चा नहीं हाे रही है। उन्होंने आगे पूछा कि हमारे सांसद निराश होकर बाहर बैठे हैं और आप उस मिमिक्री पर चर्चा कर रहे हैं। यहां पढ़िये विस्तृत खबर...

आखिर क्यों तोड़नी पड़ी खामोशी

राहुल गांधी ने शुरू में इस मामले पर प्रतिक्रिया देने से पल्ला झाड़ लिया था, लेकिन जाटों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए फैसला लेना पड़ा कि अपना पक्ष भी सबके सामने रखा जाए। राजनीति के जानकार बताते हैं कि जाट समाज का हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सियासत में सीधा दखल है। यही नहीं, दिल्ली एनसीआर की राजनीति में भी जाट समाज का प्रभाव है। ऐसे में विपक्ष जाटों को नाराज नहीं करना चाहता। हालांकि अभी तक न तो विपक्ष के किसी नेता ने और न ही राहुल गांधी और कांग्रेस के किसी अन्य नेता ने टीएमसी सांसद कल्याण मुखर्जी के बयान की निंदा की है। जबकि जाटों का कहना है कि राहुल गांधी ने जिस तरह से उस मिमिक्री पर हंसी ठिठोली की और वीडियो शूट किया, उसके लिए राहुल गांधी और कांग्रेस को बिना शर्त माफी मांग लेनी चाहिए।

भाजपा के पक्ष में जाएगा यह विवाद

भारतीय जनता पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनावों में जान लिया था कि जाट समाज हमसे नाराज हो रहा है। ऐसे में बीजेपी ने प्लान बनाया था कि अगर जाट समाज से समर्थन कम मिलता है, तो भी अन्य वर्गों को एकजुट करके जीत हासिल की जा सके। बीजेपी का यह प्रयास कितना सफल होता, यह तो लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद ही पता चल पाता, लेकिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करके टीएमसी सांसद ने जाट समाज को आहत कर दिया है। चूंकि जाट समाज खुलकर बोल रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इस अपमान का बदल लेगे, तो निश्चित है कि बीजेपी को इसका सीधा फायदा मिलेगा।

40 से अधिक लोकसभा सीटों पर जाटों का प्रभाव

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली को शामिल किया जाए तो 40 से अधिक लोकसभा सीटों पर जाट समाज का प्रभाव है। उत्तर प्रदेश का ही उदाहरण लें तो 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे से पहले जाट समाज आरएलडी से जुड़ा था, लेकिन इसके बाद जाट समाज ने अजीत सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी से मुंह फेर लिया था। यही कारण रहा कि 2017 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 15 जाट विधायकों में से 14 ने जीत हासिल कर ली। हालांकि किसान आंदोलन के बाद से जाट समाज ने बीजेपी से दूरी बनाना शुरू कर दिया था। ऐसे में 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 10 जाट विधायक बने, जबकि आरएलडी के 4 और सपा के 3 जाट विधायक बने। जाटों की नाराजगी न केवल यूपी में बल्कि हरियाणा और राजस्थान में भी देखी गई। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भले ही बीजेपी विजय रही, लेकिन विशेषकर हरियाणा को लेकर बीजेपी खासी चिंतित थी। इसके चलते बीजेपी ने गैर जाट समाज को एकजुट करने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन अब विपक्ष गठबंधन में शामिल टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री कर इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढा दी हैं।

आरएलडी भी चुप, इंडिया गठबंधन भी खामोश

विपक्ष के तमाम बड़े जाट नेताओं ने अभी तक इस मिमिक्री विवाद पर चुप्पी साध रखी है। यहां तक कि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस मुद्दे को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उधर, हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हड्डा, उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उधर, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति से जगदीप धनखड़ से बात करके प्रतिक्रिया दी। यहां क्लिक करके पढ़िये विस्तृत खबर...

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