Jharkhand Election Result: झारखंड में क्षेत्रीय पार्टियों का दबदबा, जेएमएम मुख्य भूमिका में

Jharkhand Election Result: झारखंड में क्षेत्रीय पार्टियों का दबदबा, जेएमएम मुख्य भूमिका में
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Jharkhand Election Result: झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है। ऐसे में झारखंड में भाजपा को चुनौती देने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा स्थानीय पार्टी है और इसके अलावा जेवीएम और आजसू पार्टियां भी अहम भूमिका निभा रही हैं।

Jharkhand Election Result: झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है। इसी बीच रुझानों में जेएमएम और कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिल गया है, लेकिन अभी सीटों का ऐलान नहीं हुआ है। ऐसे में एक नई तस्वीर सामने निकल कर आई है, राज्यों में राष्ट्रीय पार्टियों के मुकाबले स्थानीय या क्षेत्रीय पार्टियों का दबदबा हमेशा से रहा है, कई बार ये पार्टियां सरकार बना लेती हैं।

ऐसे में झारखंड में भाजपा को चुनौती देने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा स्थानीय पार्टी है और इसके अलावा जेवीएम और आजसू पार्टियां भी अहम भूमिका निभा रही हैं। इस बार का चुनाव खास इस लिए है कि भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों को पीछे छोड़कर ये पार्टियां राज्यों में सत्ता बना लेती हैं। फिलहाल, विपक्षी गठबंधन जेएमएम और कांग्रेस को 41 सीटें, भाजपा 30 सीटें, आजसू 04 और जेवीएम 3 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। अन्य में 4 सीटों पर बढ़त जारी है।

इस चुनाव में भाजपा अकेले पड़ रही है, तो वहीं कांग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है। मैदान में अन्य दो दल ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी (आजसू), भाजपा की सहयोगी पार्टी है। झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएण), दो ही स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं।

तीन क्षेत्रीय दलों पर नजर...

1. झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) - झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य की सबसे पुरानी पार्टी है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पार्टी के ताकतवर नेता हैं। पार्टी का गठन 1973 में हुआ था। शिबू सोरेन इसी पार्टी से दो बार सीएम रह चुके हैं। उनके बेटे और पार्टी के वर्तमान प्रमुख हेमंत सोरेन भी मुख्यमंत्री रहे हैं। यदि चुनाव परिणामों में गठबंधन उभरता है, तो झारखंड में हेमंत सोरेन को फिर से मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा सकता है।

2. झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम)- पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की पार्टी है जेवीएम, जिसने साल 2014 के विधानसभा चुनावों में 8 सीटें जीती थीं। मरांडी ने 2006 में भाजपा पार्टी छोड़ दी, जब उन्हें लगा कि उन्हें पार्टी में दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने उसी साल जेवीएम की स्थापना की।

3. ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू)- झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो के नेतृत्व में भाजपा और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनावों में झारखंड में सरकार बनाई थी। भाजपा के पास 37 और आजसू के पास 5 सीटें थी। लेकिन इस बार सीट के बंटवारे के कारण आजसू ने चुनाव से पहले ही राज्य में भाजपा के साथ संबंध तोड़ दिए। इस बार पार्टी ने 12 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। भाजपा ने पहले ही इन 12 सीटों में से 4 पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। जिसमें सुदेश महतो की सीट पर कोई भाजपा उम्मीदवार नहीं खड़ा हुआ है।

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