झारखंड में सियासी संकट के बीच हेमंत सोरेन ने बुलाई बैठक, सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी!

झारखंड में सियासी संकट के बीच हेमंत सोरेन ने बुलाई बैठक, सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी!
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जेएमएम, आरजेडी और सत्तारूढ़ी यूपीए के विधायकों को कुछ देर में छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो सकते हैं। खनन पट्टा मामले को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी गंवा सकते हैं।

झारखंड में सियासी संकट (Jharkhand Political crisis) के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने शनिवार को एक अहम बैठक बुलाई है। लेकिन इसी बीच खबर है कि सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी की जा रही है। शनिवार को कुछ विधायक सामान लेकर सीएम आवास पहुंचे हैं।

इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जेएमएम, आरजेडी और सत्तारूढ़ी यूपीए के विधायकों को कुछ देर में छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो सकते हैं। खनन पट्टा मामले को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी गंवा सकते हैं। खबरें आ रही हैं कि अवैध शिकार को रोकने के लिए उन्हें छत्तीसगढ़ भेजा जा सकता है।

मिली जानकारी के मुताबिक, हेमंत सोरेन की मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने से पहले अब तक तीन बार विधायकों की बैठक बुलाई जा चुकी है। बीते शुक्रवार को खनन पट्टा मामले में जांच के बाद चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट भेजी। इसमें मुख्यमंत्री हेमंत को विधायक पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है। ऐसे में अब 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं। सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जेएमएम के 30 विधायक, कांग्रेस के 18 विधायक और राजद के एक विधायक हैं। जबकि बाकी 26 विधायक बीजेपी के हैं। विधायकों की खरीद फरोख्त न हो। इसलिए महागठबंधन ने यह फैसला लिया है।

खनन लीज मामला

हेमंत सोरेने के खिलाफ खनन लीज खुद को देने के लिए शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता के तौर पर बीजेपी ने विधायक के तौर पर उल्लंघन धारा 9 ए के तहत जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत अयोग्य घोषित किया जाए। इस मुद्दे को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस और उनके द्वारा चुनाव आयोग को भेजा गया। सवाल राज्यपाल को भेजेंगे और जो चुनाव आयोग की राय के मुताबिक कार्रवाई करेगी। सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग ने झारखंड राज्यपाल को अयोग्यता की सिफारिशों को भेज दिया है। अब गेंद राज्यपाल के पाले में है। इसके बाद ही अयोग्यता की प्रक्रिया शुरू होगी।

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