झारखंड में सियासी संकट के बीच UPA का प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा, राज्यपाल रमेश बैस से पूछा यह सवाल

झारखंड में सियासी संकट के बीच UPA का प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा, राज्यपाल रमेश बैस से पूछा यह सवाल
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झारखंड (Jharkhand) में सियासी संकट के बीच संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) से मुलाकात करने के लिए राजभवन पहुंच चुका है। प्रतिनिधिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस (Congress) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता के साथ-साथ विधायक और सांसद भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि यूपीए प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मौजूदा राजनीतिक हालात पर बात की। उन्होंने राज्यपाल से इस पूरे मामले पर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा है। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी पूछा कि क्या हेमंत सोरेन (Hemant Soren) राज्य के मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस से कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, सांसद गीता कोड़ा, राज्य सभा सांसद धीरज साहू और जेएमएम से विजय हंसदा और महुआ मांझी राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे। झारखंड में विपक्षी बीजेपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग की है। चर्चा है कि चुनाव आयोग की ओर से झारखंड के राज्यपाल को भी इस संबंध में अपनी राय भेजी है, जिसमें हेमंत सोरेन को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की गई है। इसके बाद से सियासत और गरमाती जा रही है। ऐसे में यूपीए के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात करके इस पूरे मामले पर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा है।

हेमंत सोरेन उठा सकते हैं यह कदम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। बैठक के बाद प्रेसवार्ता होगी, जिसमें आगे के लिए किए गए फैसलों की जानकारी दी जाएगी। पहले कहा जा रहा था कि हेमंत सोरेन शाम चार बजे तक राज्यपाल से मुलाकात करके इस्तीफा दे सकते हैं, वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा गया है कि वे सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। बता दें कि हेमंत सोरेन ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आरोपी हैं।

बता दें कि बीजेपी ने राज्यपाल रमेश बैस को अर्जी देकर सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। बीजेपी का आरोप है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास खनन विभाग भी हैं। उन्होंने कथित तौर पर खुद को खनन पट्टा आवंटित कर लिया। ऐसे में सीएम सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द की जानी चाहिए।

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