जेएनयू हिंसा पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज की दंगे की एफआईआर

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार रात छात्रों और टीचर्स पर नकाबपोशों के हमले के संबंध में सोमवार सुबह अज्ञात लोगों के खिलाफ वसंत कुंज नॉर्थ थाने में दंगा भड़काने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का केस दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया है। एफआईआर में किसी भी छात्र को नामजद नहीं किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने मामले को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है। उधर हमले में घायल हुये 34 छात्रों और टीचर्स को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है। केस की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है।
डीसीपी साउथ वेस्ट देवेन्द्र आर्या ने बताया रविवार शाम 4 बजकर 57 मिनट पर पेरियार हॉस्टल में झगड़े की कॉल मिली थी। कॉल मिलने के बाद पुलिस अंदर गई, वहां स्थिति कंट्रोल में होने के बाद वापस आ गई। दो घंटे बाद फिर से पुलिस को खबर मिली कि साबरमती हॉस्टल में झगड़ा हो रहा है। पुलिस ने फिर से अंदर जाकर हालत को कंट्रोल करने की कोशिश की।
कुछ देर बाद ही जेएनयू प्रशासन ने पुलिस को कैंपस में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अंदर आने की अनुमति दे दी थी, जिसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल ने हॉस्टल के आसपास सुरक्षा बढ़ाई। डीसीपी ने कहा इस केस में आगे की तफ्तीश क्राइम ब्रांच करेगी, लेकिन अभी तक यह साफ है कि हमलावरों में बाहर से कोई नहीं आया था, बल्कि यह लड़ाई छात्रों के बीच की है।
उनका कहना है अभी किसी भी शख्स को केस में हिरासत में नहीं लिया गया है और ना ही कोई गिरफ्तारी हुई है। इस हिंसक घटना में 34 लोग जख्मी हुए हैं, जिनकी एम्स और सफदरजंग अस्पताल में मेडिकल जांच हुई है। कुछ को छोड़ किसी भी घायल की चोट गंभीर नहीं थी।
सभी को सोमवार सुबह छुट्टी मिल गई। इस सबके बीच पुलिस सूत्रों की ओर से दावा किया गया कुछ नकाबपोश छात्रों की पहचान की गई है, लेकिन अभी उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। पूरे मामले को लेकर पुलिस का कहना है उनकी सबसे पहली प्राथमिकता कैंपस में लॉ एंड आर्डर को मैंटेन करने की है।
शनिवार को भी हुई थी हिंसा, दो केस हैं दर्ज
जेएनयू कैंपस में छात्र गुटों के बीच शनिवार को भी झगड़ा हुआ था। झगड़े की बाबत पुलिस ने दो मुकदमे दर्ज किए थे, हालांकि इन मामलों में भी किसी छात्र को नामजद नहीं किया गया था। यह कार्रवाई डीडी एंट्री के आधार पर की गई। क्योंकि यह लड़ाई छात्रों के बीच की है, इसलिए किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
सोशल मीडिया पर आए वीडियो फुटेज पर पुलिस की नजर
डीसीपी देवेन्द्र आर्या ने कहा जेएनयू में हुई हिंसा के बाद जितने भी वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, उन पर पुलिस की बारीक नजर है। जो लोग हाथों में डंडे लिए फुटेज में नजर आ रहे हैं, उनकी पहचान का प्रयास किया जा रहा है।
पुलिस की नजर टिवटर, फेसबुक पर भी केंद्रित है। पुलिस ने कैंपस में लगे सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लेने के लिए जेएनयू प्रशासन से डिमांड की है, ताकि उन्हें स्कैन कर जांच को आगे बढ़ाया जा सके। पुलिस सूत्रों का कहना है इस घटना के बाद से कई वाट्सएप चैट के स्क्रीन शॉट भी वायरल हो रहे हैं। दोनों ही पक्षों के छात्र व नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।
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