Joshimath Sinking: अब जोशीमठ के नए इलाके भू धंसाव की चपेट में, आज भी चलेगा बुलडोजर, कई परिवार शिफ्ट

उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात दिनों दिन बिगड़ते ही जा रहे हैं। अब जोशीमठ के नए इलाके भी इसकी चपेट में आ गए हैं। असुरक्षित इमारतों से अब तक सैकड़ों लोगों को बचाया जा चुका है। सभी को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है। एनटीपीसी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को लेकर सरकार ने बड़ा बयान दिया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर प्रोजेक्ट की वजह से ऐसा हुआ तो जल्द बड़ा फैसला लेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबित, जोशीमठ में पैदा हुए संकट के बाद से अब तक 700 से ज्यादा घरों में दरारें देखी जा चुकी हैं। कई घरों को असुरक्षित बताया गया है और लाल निशान लगाया गया है। इसके अलावा 152 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
उत्तराखंड सरकार ने एनसीएमसी को लेकर जानकारी दी और बताया कि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त घरों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को समायोजित करने के लिए जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत आश्रयों की पहचान की गई है। पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाएगा और सुविधाएं दी जाएंगी।
उत्तराखंड सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर यह साबित हो जाता है कि जोशीमठ में भूस्खलन का कारण पनबिजली परियोजना की सुरंग से रिसाव है, तो सरकार बड़ा फैसला लेने से पीछे नहीं हटेगी। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि विशेषज्ञ की रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में फैसला लिया जाएगा। टनल से लीकेज साबित होने पर प्रोजेक्ट को रोकने का भी फैसला लिया जा सकता है।
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