Joshimath Sinking: IIRS की रिपोर्ट, हर साल करीब इतने इंच धंस रहा जोशीमठ, देखें सैटेलाइट तस्वीरें

Joshimath Sinking: IIRS की रिपोर्ट, हर साल करीब इतने इंच धंस रहा जोशीमठ, देखें सैटेलाइट तस्वीरें
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एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जोशीमठ और उसके आस पास का क्षेत्र हर साल 6.5 सेंटीमीटर यानी करीब 2.5 इंच नीचे धंस रहा है।

उत्तराखंड के जोशीमठ को लैंडस्लाइड और असुरक्षित जोन घोषित किए जाने के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। राज्य सरकार लेकर केंद्र तक सभी हालात पर नजर बनाए हुए हैं। पीएम मोदी ने खुद इस आपदा की कमान संभाली है। इसी बीच जोशीमठ को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जोशीमठ और उसके आस पास के पड़ोसी क्षेत्र हर साल 2.5 इंच तक धंस रहे हैं।



एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जोशीमठ और उसके आसपास का क्षेत्र हर साल 6.5 सेंटीमीटर यानी करीब 2.5 इंच नीचे धंस रहा है। देहरादून स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस) ने दो साल के अध्ययन में पाया है कि यह क्षेत्र तेजी से डूब रहा है। बहुत संवेदनशील है। इसी के साथ एक सैटेलाइट तस्वीरें भी सामने आई हैं।



उत्तराखंड की धामी सरकार जोशीमठ में आई प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार के साथ युद्धस्तर पर काम कर रही है। जान-माल की सुरक्षा के लिए जो मकान खतरे में आ गए हैं, उन्हें तत्काल तोड़ा जा रहा है। हालांकि, साथ ही उनके पुनर्वास की तैयारी भी चल रही है। कई होटलों और घरों को गिराया जा रहा है। कई घर लाल निशान के पार हैं। घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। यहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री को जरूरी मदद देने का आश्वासन भी दिया।



जानकारी के लिए बता दें कि जोशीमठ में बुधवार को सबसे बड़ी बुलडोजर की कार्रवाई होने जा रही है। जिसके तहत कई लोगों के घरों और होटलों को तोड़ा जाएगा। इस बीच जोशीमठ में प्रशासन ने 1.30 लाख रुपये का मुआवजा तय किया है। स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। अब तक सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, जोशीमठ के 700 से ज्यादा घरों में दरारें पाई गई हैं और सुरक्षा के मद्देनजर 152 परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है।

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