पत्रकार Soumya Vishwanathan हत्याकांड मामले में कोर्ट की सुनवाई टली, अब 7 नवंबर को होगी सुनवाई

Soumya Vishwanathan Murder: दिल्ली की एक कोर्ट 2008 में पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के पांच आरोपियों के खिलाफ सजा पर आज अपना आदेश नहीं सुना सकी है। अब इस मामले की सुनवाई 7 नवंबर को की जाएगी। 18 अक्टूबर को एएसजे रवींद्र कुमार पांडे ने रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या और सामान्य इरादे के अपराध के लिए दोषी ठहराया था।
कोर्ट ने मकोका के तहत दोषी ठहराया
इन आरोपियों को संगठित अपराध करने के लिए महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के प्रावधानों के तहत भी दोषी ठहराया गया। इन अपराधों में अधिकतम सज़ा के रूप में मृत्युदंड का प्रावधान है। कोर्ट ने पांचवें आरोपी अजय सेठी को धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) और मकोका प्रावधानों के तहत संगठित अपराध को बढ़ावा देने, सहायता करने या जानबूझकर सुविधा देने के लिए दोषी ठहराया।
क्या था मामला
30 सितंबर 2008 को पत्रकार सौम्या विश्वनाथन दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के पास अपनी कार में मृत पाई गईं, शुरू में माना गया कि यह एक कार हादसे का ही परिणाम था। फोरेंसिक रिपोर्ट से पता चला कि उसकी मौत सिर में गोली लगने से हुई, इसलिए हत्या की जांच शुरू हो गई है। पुलिस की जांच से पता चला कि वह अपने ऑफिस से देर रात घर लौट रही थी। उन्हें संदेह था कि उसका पीछा किया गया था और गोली किसी दूसरी चलती गाड़ी से चलाई गई थी।
सीसीटीवी फुटेज से इलाके में सौम्या की गतिविधियों का पता चला कि एक मैरून कार उसका पीछा कर रही थी। मुंबई स्थित अपराध शाखा की टीमों को बुलाया गया और अधिक सबूत इकट्ठा करने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया। मार्च 2009 में दिल्ली पुलिस ने दो संदिग्धों, रवि कपूर और अमित शुक्ला को एक अन्य मामले में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्होंने सौम्या हत्याकांड की बात भी कबूल ली और सख्ती से पूछताछ करने के बाद दूसरे आरोपियों के नामों का भी खुलासा कर दिया।
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