जेपी नड्डा ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को लेकर दिया बड़ा बयान

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज मेरा ये सौभाग्य है कि मुझे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 119वीं जयंती के अवसर पर बंगाल के लोगों के साथ बात करने का मौका मिला है।
ये खुशी का विषय इसलिए है कि जिस वजह से डॉ मुखर्जी ने जिस अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था, उस अनुच्छेद 370 को मोदी सरकार ने हमेशा के लिए खत्म कर दिया। एक राष्ट्र भक्त, महान शिक्षाविद, प्रखर राजनेता और प्रखर सांसद के रूप में हम श्रद्धेय डॉ मुखर्जी को जानते हैं। खंडित भारत में अखंडता के लिए लड़ने वाले वो पहले व्यक्ति थे।
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि 1952 में डॉ मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की और जनसंघ के पहले अध्यक्ष बने। जिस जनसंघ की यात्रा से बढ़कर आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है उसकी नींव रखने का काम डॉ मुखर्जी जी ने किया था। ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की और 1952 में कानपुर के अधिवेशन में ये विषय रख दिया की जम्मू-कश्मीर का विलय पूर्ण होना चाहिए और संपूर्ण होना चाहिए।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने स्पष्ट कहा था कि अनुच्छेद 370 के माध्यम से जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार क्यों दिया जा रहा है। लेकिन नेहरू जी और शेख अब्दुल्ला की चाल को अंजाम देने का काम नेहरू जी कर रहे थे। डॉ मुखर्जी जी ने इसका विरोध किया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू जी को चिट्ठी लिख कर कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाना चाहिए, और कहा कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे। तब भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने चिट्ठी का जवाब तक नहीं दिया।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की राष्ट्र भक्ति इस तरह थी कि उन्होंने अपना सब कुछ जम्मू कश्मीर के लिए लगाया। बंगाल के निवासी होने के बाद भी उन्होंने पंजाब के बड़े हिस्से को विभाजन से बचाया। हमें खुशी है के डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। उनके बलिदान पर करोड़ों कार्यकर्ता दिन रात चले और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने वो मुकाम हासिल किया और धारा 370 को धराशायी कर दिया।
बंगाल में पद छोड़कर के और कुछ है ही नहीं। पद के लिए सबकुछ करने को तैयार हैं। आज बंगाल में अपराधीकरण बहुत बढ़ गया है। ये दुख की बात है। जहां बल का प्रयोग होता है वहां विचारधारा समाप्त होती है। आज बंगाल जो विचार से ओत-प्रोत है, उसे कंठित करने का काम वर्तमान सरकार कर रही है। राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को जेल में डाला जा रहा है।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जे के बताये रास्ते पर चलकर हमें बंगाल के गौरव को वापस लाना है। राजनीतिक और शिक्षा की दृष्टि से उसे ऊंचा करना है। और वर्तमान सरकार जो हर तरह से इसे नुकसान पहुंचा रही है, उस सरकार को बाहर करना है।
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