जेपी नड्डा बोले, मोदी सरकार ने पिछले 70 वर्षों से हो रहे अन्याय से किसानों को मुक्त किया

जेपी नड्डा बोले, मोदी सरकार ने पिछले 70 वर्षों से हो रहे अन्याय से किसानों को मुक्त किया
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संसद द्वारा पारित उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण), कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक सही मायनों में किसानों को अपने फसल के भंडारण, और बिक्री की आजादी देंगे और बिचौलियों के चंगुल से उन्हें मुक्त करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को राज्यसभा में कृषि बिल को लेकर बयान दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि कृषि एवं किसानों के सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विधेयकों के संसद में पास होने पर मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करता हूं और देश के सभी किसान भाइयों को शुभकामनाएं देता हूं। मैं समर्थन के लिए सभी सांसदों एवं राजनीतिक दलों को भी साधुवाद देता हूं।

संसद द्वारा पारित उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण), कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक सही मायनों में किसानों को अपने फसल के भंडारण, और बिक्री की आजादी देंगे और बिचौलियों के चंगुल से उन्हें मुक्त करेंगे। एमएसपी अर्थात् मिनिमम सपोर्ट प्राइस था, है और रहेगा। एपीएमसी की व्यवस्था भी बनी रहेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए किसानों के बेहतर भविष्य के लिए ये कदम उठाए हैं जो किसानों की आय को दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने आगे कहा कि अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। किसानों को उपज बेचने का विकल्प देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है। बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन की सुविधा का भी लाभ किसान ले सकेंगे। इससे जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान किसान के घर पर ही उपलब्ध होगा। यह मोदी सरकार है जिसने स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू किया, किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दी, फसल बीमा की सौगात दी और कृषिगत सुधार के लिए एक लाख करोड़ रुपये का अलग से आवंटन किया।

कांग्रेस ने लोक सभा चुनाव 2019 के अपने घोषणापत्र में एपीएमसी व्यवस्था को खत्म करने की बात की थी जबकि इन विधेयकों के अनुसार MSP और APMC चलती रहेगी। मोदी सरकार तो किसानों को बेहतर विकल्प उपलब्ध करा रही है। आखिर राहुल गांधी और कांग्रेस किसानों को सशक्त होते देखना क्यों नहीं चाहते।

कांग्रेस ने किसानों के सशक्तिकरण के लिए कभी कोई रिफॉर्म्स नहीं किया। उसके पास न इसके लिए सोच थी, न ही इच्छाशक्ति। किसानों और गरीबों को गुमराह कर राजनीति करने की कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। कांग्रेस के दोहरे चरित्र से किसान वाकिफ हैं, वे अब उसके बहकावे में आने वाले नहीं हैं। आज राज्य सभा में पारित हुए दोनों विधेयकों के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले 70 वर्षों से हो रहे अन्याय से किसानों को मुक्त किया है।विपक्षी दल किसान विरोधी हैं। आज जो आचरण उन्होंने राज्य सभा में किया, वह लोकतंत्र पर कुठाराघात है।

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