Kargil Diwas 2020 : कारगिल युद्ध के बारे में अद्भुत तथ्य, जानें यहां

Kargil Diwas 2020 (कारगिल दिवस 2020): भारत में 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाएगा। कारगिल युद्ध 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 3 महीने तक चला था। 8 मई 1999 में पाकिस्तानी सेना और आतंकियों की घुसपैठ के बाद कारगिल युद्ध की शुरुआत हुई थी।
तीन महीने तक चले कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी रेंजर्स को मोहतोड़ जबाब देते हुए 26 जुलाई 1999 को कारगिल में अपना तिरंगा लहरा दिया था। इसके बाद से भारत में कारगिल युद्ध की जीत की खुशी में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। चलिए इस मौके पर हम आपको ये कारगिल युद्ध के पांच अद्भुत तथ्य बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप भारतीय सेना पर गर्व महसूस करेंगे।
* कारगिल युद्ध विश्व के सबसे हाईऐल्स पेटोल फील्ड (सबसे ऊंचाई) पर लड़ी गई जंग में से एक है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस युद्ध के दौरान भारतीय सेना के 527 जवानों की शहादत हो गयी थी। जबकि 1363 जवान घायल हुए थे। इस ऑपरेशन विजय की जिम्मेदारी लगभग दो लाख जवानों को सौंप गई थी।
* युद्ध में भारतीय सेना की कार्रवाई के दौरान मारे गए घुसपैठियों की जब तलाशी ली गई थी तो उनके पास पाकिस्तानी आईडी प्रूफ निकलें थे। युद्ध में मारे गए अधिकतर जवान नोर्थन लाइट इंट्री के थे। यह पाकिस्तान की पैरा मिलिट्री फोर्स थी। जिनको 1999 की जंग के बाद पाकिस्तान की रेगुलर रेजिमेंट में बदल दिया गया था।
* बताया जाता है कि कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की कार्रवाही में पाकिस्तान के लगभग 3 हजार सैनिक मारे गए थे।भारतीय सेना ने लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी सैनिक और मुजाहेदीन के आतंकियों ने कारगिल की पहाड़ियों पर कब्जा जमाया हुआ था। जिन्हें भारतीय सेना ने मार गिराया था। आईएसआई के एक अधिकारी शाहिद अजीद ने माना था कि इस जंग में पाकिस्तानी सैनिक भी मौजूद थे।
* पाकिस्तानी न्यूज पेपर उर्दू डेली में छपे एक बयान के मुताबिक, पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने माना था कि कारगिल युद्ध पाकिस्तानी सेना के लिए बुरा साबित हुआ। नवाज शरीफ ने इस बात को भी माना था कि भारत के साथ इस लड़ाई में पाकिस्तान ने करीब 2700 सैनिक खो दिए।
* खबरों के मुताबिक, कारगिल सेक्टर में लड़ाई शुरू होने से पहले पाकिस्तान के जनरल परवेज मुशर्रफ ने 28 मार्च 1999 को एक हेलीकॉप्टर से एलओसी को पार किया था और भारतीय सीमा में करीब 11 किलोमीटर अंदर तक आकर एक जगह पर रात बिताई थी।
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