Kargil Diwas Poem In Hindi: यहां पढ़ें भारत के वीर जवानों की गाथाएं सुनाती यह कविताएं, कारगिल दिवस स्पेशल

Kargil Diwas Poem In Hindi: यहां पढ़ें भारत के वीर जवानों की गाथाएं सुनाती यह कविताएं, कारगिल दिवस स्पेशल
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Kargil Diwas Poem In Hindi: 26 जुलाई 1999 को भारत ने पाकिस्तान पर कारगिल में पूरे 3 महीने तक चला युद्ध जीता था।

Kargil Diwas Poem In Hindi: 26 जुलाई 1999 को भारत ने पाकिस्तान पर कारगिल में पूरे 3 महीने तक चला युद्ध जीता था। जिसे भारत कारगिल विजय दिवस के नाम से मनाता है। यह दिन उन वीर जवानों को याद करने के लिए है। जिन्होंने अपने बलिदान देकर देश की रक्षा और गरिमा को बनाए रखें। इस बार रविवार 26 जुलाई 2020 को भारत 21 वां कारगिल विजय दिवस मनाने जा रहा है। इस मौके पर हम आपके लिए सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने वाले कुछ कविताएं लेकर आए हैं। जिनमें वीर जवानों के बलिदान त्याग और उनके आत्मसमर्पण की गाथाएं सुनाई देती हैं...

Kargil Diwas Poem In Hindi/ कारगिल विजय दिवस पर कविताएं

हुआ देश आजाद तभी से , कश्मीर हमारे संग आया।

विभाजन से उपजे पाक को, उसका कृत्य नहीं भाया।

रंग बिरंगी घाटी कब से,पाक कि नज़र समाई थी।

कश्मीर को नापाक करने, कसम उसी ने खाई थी।

वादी पाने की चाहत में, सैंतालीस से जतन किया।

तीन युद्ध में मुंह की खाई, फिर से वही प्रयास किया।

बार बार वह मुँह की खाये, उसको शर्म न आनी थी।

छल प्रपंच करने की फितरत, उसकी बड़ी पुरानी थी।

दारा करे सीधे लड़ने में, अपनी किस्मत कोसा था।

आतंकी के भेष में उसने, भष्मासुर को पोषा था।

हूर और जन्नत पाने को, आतंकी बन आते थे।

भारत की सेना के हाथों, काल ग्रास बन जाते थे।

जन्नत को दोज़ख बनने में, कोई कसर न छोड़ी थी।

मासूमों को हथियार थमा, बिषम बेल इक बोई थी।

तभी शांति की अभिलाषा ले, अटल कि बारी आई थी।

जाकर जब लाहौर उन्होंने, सद इच्छा दिखलाई थी।

भाईचारे की मिसाल दे, छद्म युद्ध को रोका था।

पाकिस्तानी सेना ने फिर , पीठ में छुरा भोंका था।

सन निन्यानबे मई माह, फिर से धावा बोला था।

चढ़ कर करगिल की चोटी पर, नया मोरचा खोला था।

भारत की जाबांजो ने तब, उस पर कठिन प्रहार किया।

बैठे गीदड़ भेड़ खाल में, उनका तब संहार किया।

एक से एक दुर्गम चोटी को, वापस छीन के' लाए थे।

देश कि खातिर माताओं ने, अपने लाल गंवाए थे।

तीन महीने चले युद्ध में,फिर से मुंह की खाई थी।

मिस एडवेंचर के चक्कर में, जग में हुई हंसाई थी।

आज मनाकर विजय दिवस हम, उसको याद करायेंगे।

ऐसी गलती फिर मत करना, नानी याद दिलायेंगे।

पाकिस्तानी सेना को किया परास्त

करो याद भारत के वीर जवानों को।

कारगिल की चोटी पर लहराया तिरंगा

उन देश भक्तों की कुर्बानी को।

दुश्मन के सैनिकों को मार गिराया

नाकामयाब किया उनकी चालों को।

श्रद्धा सुमन अर्पित उन साहसी

निडर भारत भूमि के लाडलों को।

बर्फ पर चलते दुश्मन को मार गिराते

रात जागते देश की रक्षा करने को।

आंधी हो तूफान हो या हो रेगिस्तान

याद करो उन वीरों की शहादत को।

देश के लोग सुकून से सोते रात भर

शत् शत् नमन ऐसे पहरेदारों को।

तब वह खाते अपने सीने पर गोलियां

भूलों नहीं ऐसे देश के रखवालों को

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