Kargil Vijay Diwas Poem : कारगिल विजय दिवस पर कविता, पढ़कर आंखें हो जाएंगी नम

20 Years Of Kargil (कारगिल के 20 साल) : कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) की 20वीं वर्षगांठ (20 Years Of Kargil War) आज यानी शुक्रवार पूरे देश में जोर-शोर से मनाया जा रहा है। इस दिन को हम अपने शहीदों के नाम पर समर्पित करते हैं। कारगिल युद्ध (Kargil War) में शहीद हुए सैकड़ों शहीदों को याद करके उनकी शौर्य गाथा को युवा पीढ़ियों को बताते हैं। इस दिन को जहां शहीदों की श्रद्धांजलि देने के लिए मनाते हैं वहीं हम भारत का पाकिस्तान पर जीत के लिए जश्न के रूप में भी मनाते हैं। कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 2019) के दूसरे दशक पर हम लाएं है कारगिल विजय दिवस कोट्स (Kargil Vijay Diwas Quotes), कारगिल विजय दिवस हिंदी पोएम (Kargil Vijay Diwas Hindi Poem), कारगिल विजय दिवस शायरी (Kargil Vijay Diwas Shayari), कारगिल विजय दिवस फोटो (Kargil Vijay Diwas Photos), कारगिल विजय दिवस मैसेज (Kargil Vijay Diwas Messages), कारगिल विजय दिवस ह्वाट्सएप्प स्टेटस (Kargil Vijay Diwas Whatsapp Status) जिसके जरिए आप भी शहीदों को श्रद्धाजंलि दे सकेंगे।
कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) पर शहीदों के सम्मान में हिंदी कविताएं (Kargil Vijay Diwas Hindi Poems) जिन्हें पढ़कर आंखें नम हो जाएंगी..
1. वीर जवानों की शहादत पर गूंज रहा था, सारा देश,
वही भगत सिंह थे, वही राजगुरु और वही थे सुखदेव,
भारत माता की आजादी की खातिर, धरे थे न जाने उन्होंने कितने ही भेष
लहूलुहान हुई जा रही थी भूमि अपनी और बादलों में छाई हुई थी लालिमा,
आजादी-आजादी के स्वरों से गूंज रहा था सारा जहाँ,
इन वीर शहीदों की कुर्बानी से आँखे सबकी भर आई थी,
जब देश के खातिर उन्होंने अपनी कीमती जान गंवाई थी,
वो कल भी थे वो आज भी है अस्तित्व उनका अमर रहेगा।
Happy kargil vijay Diwas/ Happy Kargil Vijay Diwas 2019/ Kargil Vijay Diwas/ Kargil Vijay Diwas 2019/ Happy Kargil Vijay Diwas Poem
2. मिट्टी वतन की पूछती
वह कौन है‚ वह कौन है?
इतिहास जिस पर मौन है?
जिसके लहू की बूंद का टीका हमारे भाल पर‚
जिसके लहू की लालिमा स्वातंत्र शिशु के गाल पर‚
जो बुझ गया गिर कर गगन से‚ निमिष में तारा–सदृश‚
बच ओस जितना भी न पाया‚ अश्रु जिसका काल पर
जो दे गया जीवन विजन के फूल सा हँस नाश को…
जिसके लिये दो बूंद भी स्याही नहीं इतिहास को?
वह कौन है‚ वह कौन है?
जिसके मरण के नेह से‚ दीपक नये युग का जला‚
काजल नयन के मेह से‚ मरुथल मनुज–मन का फला‚
चुनता गया पद–पद्य से‚ कंटक मनुज की राह का‚
विष दासता को‚ मुक्ति को‚ निज मृत्यु का अमृत पिला‚
चुभती न स्मृति जिसकी कभी‚ जो मैं किसी के शूल–सी‚
झरते न जिस पर आंख से‚ दो आंसुओं के फूल ही!
वह कौन है‚ वह कौन है?
लगता नही जिसकी चिता पर आज मेला भी यहां‚
दो फूल क्या‚ मिलता किसी के हाथ ढेला भी कहां?
वह मातृभू पर मर गया‚ फिर भी रहा अनजान ही–
इस मुक्ति उत्सव पर डला उस पर न धेला भी यहां;
वह कब खिला‚ कब झर गया‚ अज्ञात हारसिंगार–सा
किसको पता है दासता के काल उस अंगार का?
वह कौन है‚ वह कौन है?
इतिहास जिस पर मौन है?
Kargil Vijay Diwas Wishes/ Kargil Vijay Diwas Poem/ Kargil Vijay Diwas Wishes Poem/ Happy Kargil Vijay Diwas Poem 2019/ Happy Kargil Vijay Diwas 2019 Status
3. एक जवान जो शहीद हो गया
संवेदनाओं के कितने बीज बो गया।
तिरंगे में लिपटी उसके घर पर आ गई,
सिहर उठी हवाऐं उदासी कि छा गई।
तिरंगे में रखा ख़त जो उसकी माँ को दिख गया,
मरता हुआ जवान उस ख़त में लिख गया।
तूझे कसम है माँ रोना नहीं है,
तेरा बेटा तो तेरे दिल में कहीं है।
बहना से कहना राखी पर याद ना करें,
कहना की भाई बनकर अगली बार आऊँगा।
तूझसे दुर जल्दी ना जाऊँगा,
रक्षा करने देश की मैं दोबारा आऊँगा।
4. अपने लहू से सिंचा है उन परवानों ने,
यूं ही नहीं ये वादियां जन्नत कहलाती हैं
आज भी खड़ी है रुह-ए-आशिक़ इन सरहदों पे,
आज़माना है किसी को अपना ज़ोर तो आए
पूछा खुदा ने काफी कत्ल किए हैं उस जहां ने,
बोला, आशिक-ए-वतन हूं गुनाहों की हर सज़ा मंजूर है
करके नम अपने चशम, बोले निज़ाम ए आलम,
ऐसे दलेर आशिक से पहली दफा पाला पड़ा है
बोला, खुदा कतार बहुत लंबी है अभी आने वालों की,
कमी नहीं है मेरे मुल्क में उसपर मर मिटने वालों की।
Happy Kargil Vijay Diwas Wishes Poem/ Happy Kargil Vijay Diwas Quotes, Happy Kargil Vijay Diwas Wishes Quotes/ Happy Kargil Vijay Diwas Wallpaper
5. चीड़ के जंगल खड़े थे देखते लाचार से
गोलियाँ चलती रहीं इस पार से उस पार से
मिट गया इक नौजवां कल फिर वतन के वास्ते
चीख तक उट्ठी नहीं इक भी किसी अखबार से
कितने दिन बीते कि हूँ मुस्तैद सरहद पर इधर
बाट जोहे है उधर माँ पिछले ही त्योहार से
अब शहीदों की चिताओं पर न मेले सजते हैं
है कहाँ फुरसत जरा भी लोगों को घर-बार से
मुट्ठियाँ भीचे हुये कितने दशक बीतेंगे और
क्या सुलझता है कोई मुद्दा कभी हथियार से
मुर्तियाँ बन रह गये वो चौक पर, चौराहे पर
खींच लाये थे जो किश्ती मुल्क की मझधार से
बैठता हूँ जब भी "गौतम" दुश्मनों की घात में
रात भर आवाज देता है कोई उस पार से।
Happy Kargil Vijay Diwas Video/ Happy Kargil Vijay Diwas Pics/ Happy Kargil Vijay Diwas Photos/ Happy Kargil Vijay Diwas Messages/ Happy Kargil Vijay Diwas SMS
6. है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर
इस जगत के शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं
है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय
जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं!
7. करो याद तुम उन वीरों को,
जिनकी सरहद पर जान गई.
करो याद उन बालाओं को,
जिनकी इस रण में आन गई.
करो याद उन माताओं को,
जिनके अपने प्रिय सूत खोये.
करो याद उन बहनों को,
जो रक्षाबंधन पर शेयें.
लहू बहा कर सीमाओं पर,
अमन चैन का फूल खिलाया.
अपने प्राणों की बलि देकर,
भारत माँ का मान बढ़ाया.
सरहद पर मर मिटने वाले,
अजर अमर सब हो जायेंगे,
मर कर भी हम इन वीरों का,
कैसे क़र्ज़ चुका पायेंगे।
8. वे कौन हैं
जो प्रत्येक सुबह
चिड़ियों के चहचहाने से पहले
उठ जाते हैं और
बिछ जाते हैं हर उस जगह
जहां से तुम्हें गुजरना होता है
अपने महत्वाकांक्षी सपनों के साथ
इस खूबसूरत पृथ्वी पर
वे प्रत्येक जगह हैं
अपने श्रम की सम्पूर्ण महक के साथ
गांव में वे जमीन है
जमीन में वे औंधे लेटे हुए
मानो तो शहर भी वे ही हैं
शहर भर को उठाए हुए
और नहीं भी हैं कहीं
वे लाखों लोग
जो तुमसे ज्यादा हैं ताकतवर भी
निरंतर बढ़ रहे हैं और एक हो रहे हैं
आखिर कोई कब तक किसी को रोक सकता है
जमीन पर सीधे खड़े होने से।
9. मातृभूमि की रक्षा से देह के अवसान तक
आओ मेरे साथ चलो तुम सीमा से शमशान तक।
सोये हैं कुछ शेर यहां पर उनको नहीं जगाना
टूट न जाए नींद किसी की धीरे धीरे आना
आंसू दो टपका देना पर ताली नहीं बजाना।
सैनिक का बलिदान अकेला नहीं है।
उसके साथ उसके परिजन भी बलिदान करते हैं।
शहीद का शव ताबूत में परिजनों के बीच आता है,
कल्पनाओं में मैं वहां खड़ा हूं और सोच रहा हूं
काश इस शहीद को मैं आवाज दूं और ये जी उठे
चाहता हूं तुझको तेरे नाम से पुकार लूं,
जी उठो तुम और मैं आरती उतार लूं
धूल में मिला दिया घुसपैठियों की चाल को
गर्व से ऊंचा उठाया भारती के भाल को
दुश्मनों को रौंदकर जिस जगह पे तू मरा
मैं चूम लूं दुलार से पूजनीय वो धरा
दीप यादों के जलाऊं काम सारे छोड़कर…
चाहता हूं भावनाएं तेरे लिए वार दूं,
ऐ शहीद आ तेरी, मैं आरती उतार लूं।
10. कर गयी पैदा तुझे उस कोख का एहसान है
सैनिकों के रक्त से आबाद हिन्दुस्तान है
तिलक किया मस्तक चूमा बोली ये ले कफन तुम्हारा
मैं मां हूं पर बाद में, पहले बेटा वतन तुम्हारा
धन्य है मैया तुम्हारी भेंट में बलिदान में
झुक गया है देश उसके दूध के सम्मान में
दे दिया है लाल जिसने पुत्र मोह छोड़कर
चाहता हूं आंसुओं से पांव वो पखार दूं
ए शहीद आ तेरी मैं आरती उतार लूं।
स्त्रोत- ये सभी कवितायेँ अलग-अलग वेबसाइट से ली गई हैं
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS