Karnataka MLC Election: 10 दिसंबर को होने वाले चुनाव से पहले कर्नाटक में भाई-भतीजावाद, बीजेपी-कांग्रेस ने इन्हें मैदान में उतारा

Karnataka MLC Election: 10 दिसंबर को होने वाले चुनाव से पहले कर्नाटक में भाई-भतीजावाद, बीजेपी-कांग्रेस ने इन्हें मैदान में उतारा
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कांग्रेस (Congress) ने सात उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जो पार्टी के शीर्ष नेताओं से संबंधित हैं। भाजपा (BJP) के पास ऐसे तीन उम्मीदवार हैं, जबकि जेडीएस (JDS) के पास एक है।

Karnataka MLC Election: विधान परिषद (एमएलसी) के 25 सदस्य सीटों के लिए 10 दिसंबर को होने वाले चुनाव से पहले कर्नाटक में भाई-भतीजावाद (Nepotism) ने केंद्र में कदम रखा है। कांग्रेस (Congress) ने सात उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जो पार्टी के शीर्ष नेताओं से संबंधित हैं। भाजपा (BJP) के पास ऐसे तीन उम्मीदवार हैं, जबकि जेडीएस (JDS) के पास एक है।

कांग्रेस की लिस्ट में ये हैं शामिल

कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट में तुमकुर से पार्टी के पूर्व विधायक केएन राजन्ना के बेटे आर राजेंद्र हैं, बेलगावी से विधायक लक्ष्मी हेब्बलकर के भाई चन्नाराजा बसवराज होतिहोली, ग्रामीण बेंगलुरु से राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के रिश्तेदार एस रवि, विजयपुरा से वरिष्ठ विधायक एमबी पाटिल के भाई सुनील गौड़ा पाटिल, रायचूर से अमरे विधायक गौड़ा पाटिल की रिश्तेदार शरण गौड़ा पाटिल, कोडागु से कांग्रेस के पूर्व नेता ए मंजू के बेटे मंतर गौड़ा और बीदर से विधायक राजशेखर पाटिल के भाई भीम राव पाटिल हैं।

भाजपा कि लिस्ट में ये शामिल हैं

बीजेपी ने पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार के भाई प्रदीप शेट्टार को धारवाड़ से टिकट दिया है। शिवमोग्गा से विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष डीएच शंकरमूर्ति के बेटे डीएस अरुण और कोडागु से मदिकेरी विधायक अप्पचू रंजन के बड़े भाई सुजा कुशलप्पा को टिकट दिया गया है।

सूरज गौड़ा बने राजनीति में आने वाले आठवें सदस्य

वहीं पूर्व पीएम और जेडीएस नेता देवेगौड़ा के पोते सूरज गौड़ा ने चुनाव में प्रवेश किया और हासन से टिकट हासिल किया। वह वरिष्ठ नेता एचडी रेवन्ना के बेटे हैं। सूरज देवेगौड़ा परिवार से राजनीति में आने वाले आठवें सदस्य बन गए हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली के भाई लखन जारकीहोली ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है। क्योंकि, वह कांग्रेस से टिकट की उम्मीद कर रहे थे।

बता दें कि 25 एमएलसी जनवरी में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, और भाजपा के लिए उच्च सदन में बहुमत तक पहुंचने के लिए चुनाव महत्वपूर्ण है। 75 सदस्यीय सदन में भाजपा के पास 32 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास 29 और जेडीएस के पास 12 सीटें हैं।

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