Anti conversion law: कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी कानून रद्द होगा, पढ़िये वजह

Anti conversion law: कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी कानून रद्द होगा, पढ़िये वजह
X
Anti conversion law: कर्नाटक (Karnataka) की सिद्धारमैया सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून (Anti-conversion Law) को रद्द करने की घोषणा की है। यह पिछली भाजपा सरकार (BJP) के कार्यकाल के दौरान लाया गया था। इसको रद्द करने का फैसला सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कैबिनेट के द्वारा पारित किया गया है।

Anti Conversion Bill in Karnataka: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार (Siddaramaiah Government) ने एक बड़ा फैसला लिया है। मई में साधारण बहुमत से राज्य की सत्ता में आई कांग्रेस ने अब धर्मांतरण विरोधी कानून (Anti-conversion Law) को रद्द करने की घोषणा की है। कर्नाटक मंत्रिमंडल ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए धर्मांतरण विरोधी कानून को निरस्त करने का निर्णय लिया है। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कैबिनेट द्वारा पारित किया गया है।

धर्मांतरण विरोधी कानून रद्द करने का फैसला

दिसंबर 2021 में कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Assembly) द्वारा अपनाए गए बिल का उद्देश्य धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा प्रदान करना और गलत बयानी या किसी भी धोखाधड़ी से एक धर्म से दूसरे धर्म में अवैध रूप से रूपांतरण पर रोक लगाना है। सितंबर 2021 में बसवराज बोम्मई (Basvraj Bommai) के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार (BJP) ने कांग्रेस और जेडीएस के विरोध के बीच विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित किया था। यह विधेयक विधानसभा में तो पारित हो गया था, लेकिन विधान परिषद में बीजेपी के बहुमत ना होने के कारण उसे पारित नहीं किया जा सका था।

इसके बाद राज्य सरकार की तरफ से फैसला किया गया था कि इसे प्रभावी बनाने के लिए एक अध्यादेश (Ordinance) लाया जाएगा। इस अध्यादेश को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत (Thawar Chand Gehlot) ने 17 मई, 2022 को मंजूरी दे दी थी। यह देखते हुए कि हाल के दिनों में धर्मांतरण के मामलों में इजाफा हुआ है। उस समय के तत्कालीन राज्य के गृह मंत्री ने अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा था कि लालच और बल के माध्यम से बड़े पैमाने पर धर्मांतरण किया जा रहा है। इससे राज्य में शांति भंग हो रही है और अलग-अलग धर्मों के लोगों के बीच विश्वास में भी कमी देखने को मिली है। साथ ही, उन्होंने कहा था कि यह बिल किसी भी व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला नहीं करता है और कोई भी अपनी पसंद के धर्म का पालन कर सकता है लेकिन दवाब में नहीं।

Also Read: Karnatka: BJP नेताओं पर लगे KKRDB घोटाले की होगी जांच, सिद्धारमैया सरकार ने दी मंजूरी

केबी हेडगेवार को सिलेबस से हटाया

कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने केबी हेडगेवार को सिलेबस से हटा दिया है। इतना ही नहीं, हेडगेवार को हटाने के अलावा, कांगेस सरकार ने स्कूलों और विश्वविद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना और भजनों को पढ़ाने का भी निर्णय लिया है। इस पर कर्नाटक के पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे कांग्रेस के लोग मुसलमानों के वोट चाहते हैं, सिद्धरमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ रही है। आगे कहा कि ये लोग हिजाब को भी दोबारा से राज्य में ला सकते हैं। कांग्रेस सरकार हर चीज का राजनीतिकरण करना चाहती है। इसके अलावा, कर्नाटक सरकार ने भी पुराने कानूनों को वापस लाने के लिए राज्य में APMC अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं, चक्रवर्ती सोलिबेले द्वारा लिखित एक पाठ को हटाने की मंजूरी भी दी गई है। कक्षा 6 से 10 के लिए कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की किताबों में भी अहम बदलाव किए जा रहे हैं। राज्य सरकार का ताजा कदम पिछली भाजपा सरकार द्वारा किए गए परिवर्तनों को संशोधित करने के लिए आया है।

Tags

Next Story