मोदी सरकार का रामसेतु पर बयान, कहा- इतिहास 18 हजार साल पुराना, इसलिए...

हिन्दू धर्म ग्रंथों के मुताबिक यह दावा किया जाता है कि भारत और श्रीलंका के बीच भगवान राम ने रामसेतु बनाया था। इसकी सैटेलाइट तस्वीरें भी सामने आ गई हैं। रामसेतु का मामला राज्यसभा में उठाया गया। हरियाणा से सांसद कार्तिकेय शर्मा ने रामसेतु के विषय में सरकार से सवाल किया। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या हमारे अतीत के बारे में केंद्र सरकार कोई वैज्ञानिक खोज कर रही है क्योंकि पिछली सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया था। इसपर केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि रामसेतु का इतिहास 18 हजार साल पुराना है, इसलिए इसका कोई ठोस सबूत नहीं है।
समुद्र में रामसेतु के अभिशेष
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पार्लियामेंट में उठाए गए रामसेतु के मुद्दे पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी हुई कि हमारे संसद ने यह सवाल किया है। इसके लिए वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक रामसेतु होने का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि रामायण का इतिहास करीब 18 हजार साल पुराना है। सेतु के बारे में ग्रंथों में कहा गया है कि यह सेतु 56 किलोमीटर लंबा था। वैज्ञानिकों ने स्पेस तकनीक की मदद से देखा कि रामसेतु के कुछ पत्थर अभी भी समुद्र में मौजूद है।
जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि वैज्ञानिकों को समुद्र में कुछ द्वीप और चूना पत्थर दिखाई दिए हैं। पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि असली रामसेतु इसी स्थान पर मौजूद था। लेकिन, खोज में जिस तरह के चिह्न मिले हैं, इससे यह संकेत मिल रहा है कि रामसेतु इसी स्थान पर था। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम रामसेतु की ही तरह और भी भारत के कई धरोहरों को ढूंढने की कोशिश कर रहे है।
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