कश्मीर घाटी में हुए नरसंहार मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कश्मीरी पंडित, दोबारा जांच के लिए दिया ये Reason

कश्मीर घाटी में हुए नरसंहार मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कश्मीरी पंडित, दोबारा जांच के लिए दिया ये Reason
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साल 1989-1990 के बीच हुए इस नरसंहार की दोबारा से जांच के लिए कश्मीरी पंडितों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है।

द कश्मीर फाइल्स फिल्म (The Kashmir Files Films) आने के बाद से कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) की वापसी और न्याय के लिए अब चर्चाएं हो रही हैं। साल 1989-1990 के बीच हुए इस नरसंहार की दोबारा से जांच के लिए कश्मीरी पंडितों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीरी पंडितों की एक संस्था रूट्स इन कश्मीर ने दोबारा इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की है और दोबारा जांच के लिए वैध कारण बताया है। इस बार कोर्ट में दायर की गई याचिका में रूट्स इन कश्मीर संस्था ने कहा है कि जब 1984 में हुए दंगों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जांच करवाई है तो ऐसे में कश्मीर में हुए नरसंहार के लिए क्यों नहीं होनी चाहिए।

जानकारी के लिए बता दें कि साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कश्मीर नरसंहार से जुड़ी एक रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए कहा था कि 27 साल पहले हुए नरसंहार के लिए अब सबूत जुटाना संभव नहीं है। तब इस मामले को वहीं खारिज कर दिया गया था।

रूट्स इन कश्मीर संस्था ने सुप्रीम कोर्ट से पिटीशन दायर करते हुए कहा कि नरसंहार के 31 साल होने के बाद भी अभी तक इन कश्मीरी पंडितों की घर वापसी नहीं हुई है। 19 जनवरी 1990 को लाखों कश्मीरियों ने अपना घर छोड़ दिया था और कैंपों में रहे थे। तीन दशकों के बाद भी अभी तक वापसी नहीं हुई है। जिससे ये लोग आज भी नाराज हैं। इस हिंसा को सालों बीत गए हों लेकिन वो रात आज भी इन लोगों के जहनों से नहीं जाती। कश्मीर में फैसले आंतकवाद का सबसे ज्यादा असर कश्मीरी पंडितों पर पड़ा था। हाल ही में द कश्मीर फाइल्स फिल्म आने के बाद कश्मीरी पंडितों की घर वापसी होगी या नहीं इसको लेकर चर्चा हो रही है।

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