Governor vs Government: तमिलनाडु और केरल सरकार का राज्यपाल से बढ़ा विवाद, सीएम विजयन लाएंगे अध्यादेश, यहां पढ़ें पूरा मामला

देश के दक्षिण में स्थित राज्य तमिलनाडु-केरल (Tamilnadu-Kerala) में सरकार का राज्यपाल (Governor of States) के साथ विवाद बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin) ने राज्यपाल आरएन रवि को संवैधानिक पद के लिए अयोग्य करार दिया है। वहीं दूसरी तरफ केरल की वामपंथी सरकार ने बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ अध्यादेश लाने का फैसला किया है।
सीएम स्टालिन ने राष्ट्रपति से की शिकायत
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राज्यपाल आर एन रवि को संवैधानिक पद के लिए अयोग्य करार दिया है। सीएम स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल के बयान सरकार के प्रति असंतोष को भड़काने का प्रयास करते हैं, जिस कारण कुछ लोग उनके बयानों को देशद्रोही मान सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह शांति के लिए खतरा है और बर्खास्त होने के योग्य हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे गए ज्ञापन में एम के स्टालिन ने कहा है कि राज्यपाल सरकार के विधयकों में मंजूरी देने में देरी कर रहे हैं, कई कानून जनता की भलाई के लिए हैं।
केरल कैबिनेट ने राज्यपाल के खिलाफ दी अध्यादेश को मंजूरी
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की कैबिनेट ने राज्यपाल के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से हटाने के लिए एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है। हालांकि, राज्य मंत्रिमंडल कुलाधिपति के स्थान पर एक विशेषज्ञ को लाने की योजना बना रहा है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा सभी नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के इस्तीफे की मांग के बाद राज्य सरकार ने उनके खिलाफ ये आदेश लाने का फैसला किया।
बता दें कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य में एक आदेश जारी किया था। राज्यपाल ने केरल विश्वविद्यालय, केरल मत्स्य पालन और महासागर अध्ययन विश्वविद्यालय, कन्नूर विश्वविद्यालय, एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, श्री शंकराचार्य विश्वविद्यालय संस्कृत, कालीकट विश्वविद्यालय और थुनाचथ एज़ुथाचन मलयालम विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए अपने पदों से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति इस नोटिस के खिलाफ केरल हाईकोर्ट पहुंचे और कहा कि ये नोटिस अवैध और अमान्य है।
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