Amritpal Singh: खालिस्तान की करेंसी, नक्शा और खुद की फोर्स... पढ़िये अमृतपाल अलग देश बसाने के लिए क्या कर रहा था तैयारियां

Amritpal Singh: खालिस्तान की करेंसी, नक्शा और खुद की फोर्स... पढ़िये अमृतपाल अलग देश बसाने के लिए क्या कर रहा था तैयारियां
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Amritpal Singh: खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह भी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है। इसी बीच उसे लेकर पंजाब पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है।

Amritpal Singh: खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह भी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है। अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे पंजाब पुलिस के ऑपरेशन का आज शनिवार यानी 25 मार्च को 8वां दिन है। इस बीच अमृपाल सिंह को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमृतपाल अपनी खुद की एक फौज तैयार कर रहा था।

खन्ना पुलिस के एसएसपी अमनीत ने एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए बताया कि अमृतपाल टाइगर फोर्स नाम से खुद की एक फौज बनाने की तैयारी कर रहा था। ये तैयारी आनंदपुर खालसा फौज से अलग की जा रही थी। इसके साथ ही उन्होंने बताया था कि वारिस पंजाब दे ने खालिस्तान की करेंसी भी छाप रखी थीं। उन्होंने बताया कि ये करेंसी डॉलर की नकल कर बनाई गई थी और इस पर खालिस्तान का नक्शा भी बना हुआ है।

एसएसपी अमनीत ने बताया कि इसके लिए अमृतपाल सिंह ने कुछ राज्यों को चुना है और इसका झंडा बनाया है। अमृतपाल सिंह के इस खालिस्तान में कपूरथला, पटियाला और जींद के कुछ इलाके भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह से सेना में सैनिकों को रेजिमेंट के हिसाब से नंबर दिए जाते हैं, उसी तरह आनंदपुर खालसा फोर्स और अमृतपाल टाइगर फोर्स के सदस्यों को भी एकेएफ नंबर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि अमृतपाल टाइगर फोर्स में सिर्फ युवाओं की ही भर्ती की जा रही थी, इसके साथ ही उनके हाथों पर एकेएफ के टैटू भी हैं।

बता दें कि अमृतपाल सिंह की तलाश को लेकर पंजाब पुलिस लगातार उसके ठिकानों का लगाकर छापेमारी कर रही है। पंजाब पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए बड़ा ऑपरेशन चला रही है। पुलिस लगातार अमृतपाल सिंह के करीबियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं, अमृतपाल के खास तेजिंदर उर्फ गोरखा बाबा के मोबाइल फोन से पुलिस को बहुत सबूत मिले हैं। इसके आधार पर पुलिस ये दावा कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि खालिस्तान बनाने के लिए अमृतपाल सिंह कई देशों के साथ बातचीत कर रहा था। इसके लिए उसकी मदद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई कर रही थी।

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