लखीमपुर खीरी हिंसा: 90 प्रमुख गवाहों में से 8 ने सुरक्षा हटाने की मांग की, जानें पूरा मामला

लखीमपुर खीरी हिंसा: 90 प्रमुख गवाहों में से 8 ने सुरक्षा हटाने की मांग की, जानें पूरा मामला
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अरुण कुमार सिंह इस घटना की जांच कर रहे हैं। वे नौ सदस्यीय विशेष जांच समिति के सदस्य भी हैं।

Lakhimpur Kheri violence: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले में 90 प्रमुख गवाहों में से आठ ने उनकी पुलिस सुरक्षा हटा दी जाए के लिए स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखा है। बता दें कि लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में तीन अक्टूबर को चार किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले के 90 प्रमुख गवाहों में से प्रत्येक को सुरक्षा प्रदान की थी।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अरुण कुमार सिंह इस घटना की जांच कर रहे हैं। वे नौ सदस्यीय विशेष जांच समिति के सदस्य भी हैं। अरुण कुमार सिंह ने कहा कि 90 में से आठ प्रमुख गवाहों ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपनी सुरक्षा वापस लेने के लिए एप्लीकेशन दी है। लेकिन सुरक्षा हटाने से पहले पहले समीक्षा की जाएगी। स्थानीय पुलिस ने उन गवाहों की पहचान उजागर करने से इनकार कर दिया जो अपनी सुरक्षा हटाना चाहते हैं।

ज्ञात हो कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र के बनबीरपुर गांव के पास एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था। इसके अलावा दो भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा और श्याम सुंदर, पत्रकार रमन कश्यप और एक ड्राइवर हरिओम मिश्रा सहित चार अन्य लोग भी मारे गए थे।

इस मामले के संबंध में तिकुनिया पुलिस स्टेशन में दो एफआईआर दर्ज की गईं हैं। पहली एफआईआर चार किसानों की हत्या के संबंध में और दूसरी चार अन्य की हत्या के संबंध में है। मामले की जांच कर रही विशेष जांच समिति ने पहले मामले में आशीष मिश्रा समेत 13 को और दूसरे मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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